नारायण मूर्ति-सुधा मूर्ति की बायोपिक में देरी की असली वजह आई सामने

नारायण मूर्ति-सुधा मूर्ति की बायोपिक में देरी की असली वजह: अश्विनी अय्यर तिवारी का खुलासा
अश्विनी अय्यर तिवारी भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिभाशाली महिला निर्देशकों में से एक हैं। उन्होंने बरेली की बर्फी, निल बटे सन्नाटा और पंगा जैसी बेहतरीन फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई है। 2021 में, उन्होंने मशहूर उद्यमी जोड़ी सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति पर एक बायोपिक बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, इस फिल्म को लेकर चार साल से कोई अपडेट नहीं आया, जिससे इसके निर्माण में हो रही देरी को लेकर सवाल उठने लगे। हाल ही में एक इंटरव्यू में, अश्विनी ने इस देरी के पीछे की असली वजह बताई।
अब तक क्यों नहीं शुरू हुई फिल्म?
शोशा को दिए गए एक इंटरव्यू में अश्विनी अय्यर तिवारी ने खुलकर बताया कि फिल्म के निर्माण में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि यह बायोपिक अभी भी लेखन प्रक्रिया में है और इसे तैयार करने में अधिक समय लग रहा है। अश्विनी ने कहा, “हम अभी भी इसे लिख रहे हैं। इसमें काफी समय लग रहा है, लेकिन मैं उनकी कहानी को बड़े पर्दे पर लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूँ।”
फिलहाल, अश्विनी अपने प्रोडक्शन वेंचर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और कुछ अन्य फिल्मों को प्रोड्यूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं अभी कुछ फिल्मों का निर्माण कर रही हूँ। हमारा टिप्स के साथ टाई-अप हुआ है। रमेश (तौरानी) जी की बेटी जया ही थीं, जिन्होंने मुझे इस पार्टनरशिप के लिए अप्रोच किया। यह मेरे लिए भी सरप्राइज़ था, क्योंकि आमतौर पर ऐसी साझेदारियाँ दो पुरुषों के बीच होती हैं। लेकिन बदलाव ऐसे ही आता है।”
कमर्शियल से ज्यादा दमदार कहानी पर फोकस
अश्विनी अय्यर तिवारी का मुख्य उद्देश्य केवल कमर्शियल फिल्में बनाना नहीं है, बल्कि बेहतरीन कहानी के माध्यम से दर्शकों को प्रेरित करना है। उन्होंने कहा, “कोई नहीं जानता कि आज के दौर में क्या हिट होगा। हमें खुद से यह सवाल करना होगा कि हम कितनी निडरता से ऐसी कहानियाँ सुना सकते हैं, जो दर्शकों को प्रभावित करने के साथ-साथ कमर्शियल रूप से भी सफल हों।”
इसका मतलब है कि नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की प्रेरणादायक कहानी को बड़े पर्दे पर देखने के लिए दर्शकों को अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा।