आईपीएल 2025: केकेआर के खिलाफ वानिंदु हसरंगा को नंबर 5 पर प्रमोट करने की रणनीति क्यों अपनाई राजस्थान रॉयल्स ने?

आईपीएल 2025 के एक रोमांचक मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स (आरआर) को टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। टीम ने अच्छी शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 3.5 ओवर में 33 रन बनाए। लेकिन तीसरे नंबर पर आए रियान पराग के 25 रन बनाकर आउट होने के बाद टीम की रन गति धीमी हो गई। जल्द ही, यशस्वी जायसवाल भी 8.4 ओवर में आउट हो गए, जिससे राजस्थान का स्कोर 69/3 हो गया।
इस स्थिति में, राजस्थान के पास ध्रुव जुरेल और शिमरोन हेटमायर जैसे अनुभवी बल्लेबाज थे, लेकिन टीम ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया और वानिंदु हसरंगा को नंबर 5 पर भेज दिया, जो इस सीजन का अपना पहला आईपीएल मैच खेल रहे थे।
हसरंगा को नंबर 5 पर प्रमोट करने का कारण?
राजस्थान रॉयल्स ने यह रणनीतिक फैसला केकेआर के स्पिन आक्रमण का मुकाबला करने के लिए लिया।
1️⃣ केकेआर के स्पिनर्स के खिलाफ आक्रामकता
केकेआर ने उस समय वरुण चक्रवर्ती और मोइन अली की स्पिन जोड़ी को उतारा था।
हसरंगा को स्पिन के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है।
उनके टी20 करियर में स्पिनर्स के खिलाफ स्ट्राइक रेट 152 है, हालांकि उनका औसत 17.5 से कम है।
2️⃣ बाएं हाथ के बल्लेबाजों को बैकफुट पर रखना
चूंकि नितीश राणा पहले से ही मैदान पर थे, टीम ने दो बाएं हाथ के बल्लेबाजों (जैसे हेटमायर) को एक साथ नहीं भेजने का फैसला किया।
इससे राजस्थान को बाद के ओवरों में हेटमायर का बेहतर उपयोग करने का मौका मिला।
3️⃣ “पिंच-हिटर” के रूप में इस्तेमाल करने की योजना
हसरंगा को तेज रन बनाने के लिए भेजा गया ताकि वे केकेआर के स्पिनरों को दबाव में डाल सकें।
राजस्थान के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने भी इस रणनीति की पुष्टि करते हुए कहा, “हमें लगा कि वे स्पिनरों को अटैक में लाएंगे, इसलिए हमने हसरंगा को उन्हें टारगेट करने भेजा।”
राहुल द्रविड़ की रणनीति का असर?
राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ इससे पहले भी ऑलराउंडर्स को ऊपरी क्रम में भेजने की रणनीति अपनाते रहे हैं।
2022 के टी20 वर्ल्ड कप में अक्षर पटेल को पाकिस्तान के खिलाफ प्रमोट किया गया था।
2024 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में भी उन्होंने अक्षर को दबाव की स्थिति में ऊपर भेजा।
हसरंगा को ऊपर भेजने का यह कदम भी द्रविड़ की उसी रणनीति का हिस्सा दिखता है।
क्या यह फैसला सफल रहा?
⚠ नहीं, यह योजना कारगर साबित नहीं हुई।
हसरंगा ने चार गेंदों में केवल चार रन बनाए और जल्दी आउट हो गए।
हालांकि, राजस्थान शायद यह कह सकता है कि इस कदम से उसके प्रमुख बल्लेबाजों को केकेआर के खतरनाक स्पिनर्स से बचाया गया।
🚨 क्या ध्रुव जुरेल को पहले भेजना सही होता?
पिछले मैच में 70 रनों की पारी खेलने वाले जुरेल को टीम ने पीछे रखा, जिससे कई सवाल उठे।
लेकिन टीम की रणनीति स्पष्ट थी – स्पिन का आक्रामकता से सामना करना और अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को बाद के ओवरों के लिए बचाकर रखना।