हयाओ मियाज़ाकी का AI-जनित कला पर बयान: “जीवन का अपमान”

हयाओ मियाज़ाकी ने AI-जनरेटेड आर्ट को बताया “जीवन का अपमान”
यदि आप हाल ही में सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे हैं, तो आपने स्टूडियो घिबली-प्रेरित AI-जनरेटेड कला की बाढ़ देखी होगी। OpenAI के नए इमेज जनरेशन अपडेट के कारण लोग खुद को घिबली की काल्पनिक दुनिया में देखने के लिए उत्साहित हो रहे हैं। लेकिन इस बीच, स्टूडियो घिबली के सह-संस्थापक और दिग्गज एनीमेशन निर्देशक हयाओ मियाज़ाकी का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे AI-जनित कला को “जीवन का अपमान” बताते हैं।
AI-जनरेटेड आर्ट पर मियाज़ाकी की सख्त प्रतिक्रिया
हयाओ मियाज़ाकी, जिन्होंने स्पिरिटेड अवे और माई नेबर टोटोरो जैसी अद्भुत फिल्में बनाई हैं, AI द्वारा बनाई गई कला को लेकर बहुत सख्त रुख रखते हैं। एक पुरानी क्लिप में, जब कुछ एनीमेटर्स ने AI-जनरेटेड एनिमेशन दिखाया, तो उन्होंने इसे असंवेदनशील और मानव भावना से रहित बताया।
इस वीडियो में दिखाया गया है कि AI की मदद से एक अजीबोगरीब ज़ॉम्बी जैसी आकृति बनाई गई, जो अपने सिर का इस्तेमाल पैरों की तरह कर रही थी। प्रस्तुति के दौरान, टीम ने इसे एक “क्रांतिकारी खोज” बताया, जिससे ज़ॉम्बी वीडियो गेम के लिए अनोखी हरकतें डिजाइन की जा सकती हैं।
लेकिन मियाज़ाकी इससे प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि उनका एक विकलांग मित्र है, जो मांसपेशियों में अकड़न की समस्या से जूझता है। उनके अनुसार, AI-जनरेटेड यह एनिमेशन उनके मित्र की कठिनाइयों का मज़ाक उड़ाने जैसा था।
उन्होंने कड़े शब्दों में कहा:
“मैं इस तरह की चीज़ें देखकर उत्साहित नहीं हो सकता। जो लोग इसे बना रहे हैं, वे दर्द और संघर्ष की वास्तविकता नहीं समझते। यह जीवन का अपमान है।”
AI-आर्ट बनाम हयाओ मियाज़ाकी की कला दृष्टि
हयाओ मियाज़ाकी हमेशा से मानवीय भावनाओं और वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित एनीमेशन के पक्षधर रहे हैं। उनकी फिल्में कला और संवेदनशीलता का अद्भुत संयोजन होती हैं।
जब AI-आधारित कलाकारों ने अपने प्रयोग को “सिर्फ एक प्रयोग” बताया, तो मियाज़ाकी ने स्पष्ट किया कि वे AI को कभी भी अपने काम में शामिल नहीं करेंगे। उनके मुताबिक, कला का असली सार भावनाओं, मानवीय अनुभवों और संवेदनशीलता में होता है, जिसे मशीनें नहीं समझ सकतीं।
AI-Generated Art की बढ़ती लोकप्रियता
हालांकि मियाज़ाकी AI-जनरेटेड कला के सख्त विरोधी हैं, लेकिन OpenAI के नए इमेज जनरेशन मॉडल GPT-4o ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। लोग स्टूडियो घिबली-शैली की AI-निर्मित कलाकृतियाँ बना रहे हैं और उन्हें पसंद भी कर रहे हैं। यहाँ तक कि OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी अपना प्रोफाइल पिक्चर AI-जनरेटेड घिबली स्टाइल में बदल लिया है।
क्या AI कला का भविष्य बदल देगा?
AI-Generated Art पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। जहाँ एक ओर तकनीक के प्रशंसक इसे रचनात्मकता की नई ऊँचाई मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दिग्गज कलाकार इसे कला की आत्मा के लिए खतरा बता रहे हैं।
AI क्या कलाकारों की जगह ले सकता है या सिर्फ एक तकनीकी उपकरण बना रहेगा, यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन एक बात स्पष्ट है—हयाओ मियाज़ाकी जैसे दिग्गज कलाकारों के लिए कला केवल तकनीक नहीं, बल्कि भावनाओं और अनुभवों का एक सुंदर संगम है।