एयर इंडिया को पहला लेगेसी B777 विमान भारी मरम्मत के बाद वापस मिला |

एयर इंडिया को पहला लेगेसी B777 विमान भारी मरम्मत के बाद वापस मिला
परिचय
एयर इंडिया को बुधवार को अपना पहला लेगेसी बोइंग 777-300 ER विमान भारी मरम्मत (ओवरहॉल) के बाद वापस मिल गया है। अधिकारियों के अनुसार, शेष 12 विमानों की मरम्मत भी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।
इस लेख में, हम एयर इंडिया के विमान मरम्मत और उन्नयन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह समझेंगे कि यह एयरलाइन के संचालन को कैसे प्रभावित करेगा।
लेगेसी B777 विमानों की मरम्मत क्यों हो रही है?
आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण, पिछले साल शुरू हुई इन विमानों की मरम्मत में देरी हो गई थी।
एयरलाइन ने बेहतर यात्री अनुभव और विमानों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए इनके ओवरहॉल का निर्णय लिया।
मरम्मत में नए कालीन, सीट कवर, कुशन और टूटी हुई सीटों की मरम्मत शामिल है।
मरम्मत और अपग्रेडेशन की प्रक्रिया
पहला B777-300 ER विमान सिंगापुर में ओवरहॉल हुआ, जिसे पूरा करने में लगभग 50 दिन लगे।
सभी लेगेसी B777 विमानों की मरम्मत 2024 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।
मरम्मत के बाद, नए विमानों को पहले कुछ दिनों तक घरेलू उड़ानों पर और बाद में अल्ट्रा-लॉन्ग ऑपरेशन के लिए तैनात किया जाएगा।
एयर इंडिया के वाइड-बॉडी और नैरो-बॉडी विमान
1. वाइड-बॉडी बेड़े:
एयर इंडिया के पास 40 लेगेसी वाइड-बॉडी विमान हैं:
13 बोइंग B777-300 ER
27 बोइंग B787-8
इसके अलावा, एयर इंडिया के पास कुल 67 वाइड-बॉडी विमान हैं, जिनमें शामिल हैं:
19 B777-300 ER (6 एतिहाद एयरवेज से लीज पर)
8 B777-200 LR (5 डेल्टा एयर लाइन्स से लीज पर)
27 लीगेसी B787-8
7 B787-9
6 A350-600
2. नैरो-बॉडी बेड़े:
एयर इंडिया के पास नैरो-बॉडी (छोटे आकार के) विमान भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
14 A321 नियो
13 A321 सीईओ
94 A320 नियो
4 A320 सीईओ
6 A319
अल्ट्रा-लॉन्ग हॉल उड़ानों में B777 की भूमिका
B777-300 ER विमानों को मुख्य रूप से अल्ट्रा-लॉन्ग हॉल उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है।
ये उड़ानें 14 घंटे से अधिक की अवधि की होती हैं।
एयर इंडिया इन विमानों को टोरंटो, वैंकूवर (कनाडा), सैन फ्रांसिस्को, शिकागो, नेवार्क और न्यूयॉर्क (अमेरिका) जैसे गंतव्यों के लिए तैनात करता है।
एयर इंडिया का 400 मिलियन डॉलर का रेट्रोफिट प्रोग्राम
एयर इंडिया 2027 के मध्य तक सभी विरासत वाइड-बॉडी विमानों के अपग्रेडेशन को पूरा करने की योजना बना रही है।
400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इस रेट्रोफिट प्रोग्राम के तहत:
पहला रेट्रोफिटेड A320 नियो विमान पहले ही परिचालन में आ चुका है।
इस साल की तीसरी तिमाही तक सभी 27 A320 नियो विमानों के उन्नयन की उम्मीद है।
आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियाँ और भविष्य की योजना
एयर इंडिया के एमडी और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने बताया कि विमान निर्माण उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला की कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं:
इंजन की कमी
सीट आपूर्तिकर्ताओं की समस्याएँ
विमान के घटकों और धड़ के हिस्सों की सीमित उपलब्धता
उन्होंने कहा, “यह आपूर्ति बाधित बाजार अगले 4-5 वर्षों तक बना रहेगा, न केवल एयर इंडिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए।”