नागपुर में औरंगजेब की समाधि विवाद: हिंसा के बाद कर्फ्यू लागू

औरंगजेब की समाधि विवाद: नागपुर में हिंसा के बाद कर्फ्यू लागू
मुगल बादशाह औरंगजेब की समाधि को महाराष्ट्र से बाहर ले जाने की मांग को लेकर हुई हिंसा के बाद नागपुर के कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह समाधि वर्तमान में छत्रपति संभाजीनगर जिले (पूर्व में औरंगाबाद) में स्थित है।
नागपुर में कर्फ्यू लागू
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में लागू रहेगा। यह प्रतिबंध अगले नोटिस तक प्रभावी रहेगा।
विवाद और प्रदर्शन की शुरुआत
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के समर्थकों ने नागपुर के महल क्षेत्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास एकत्र होकर औरंगजेब की समाधि को महाराष्ट्र से हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और औरंगजेब की तस्वीर व “हरे कपड़े में एक प्रतीकात्मक कब्र” को जलाया।
तनाव और हिंसा
रिपोर्ट के अनुसार, हरे कपड़े को जलाने से अफवाहें फैल गईं, क्योंकि कई लोगों का दावा था कि उस पर पवित्र आयतें लिखी हुई थीं। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया। शाम को करीब 80 से 100 लोगों की भीड़ हिंसक हो गई। पुलिस पर पत्थरबाजी हुई और कई वाहनों में आग लगा दी गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसूगैस का प्रयोग करना पड़ा। हिंसा में चार लोग घायल हुए, जबकि एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी नागरिकों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा, “नागपुर एक शांतिप्रिय शहर है, हमें इसे सौहार्दपूर्ण बनाए रखना चाहिए।” उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा। शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने इसे राज्य सरकार की विफलता बताया, जबकि एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने अफवाहों से बचने और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि नागपुर में 300 वर्षों में कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब इसे विभाजन और अशांति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।