एनआईटी कालीकट की प्रोफेसर डॉ. ए. शैजा की डीन नियुक्ति पर विवाद

पिछले वर्ष महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने वाली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) कालीकट की प्रोफेसर डॉ. ए. शैजा को संस्थान का डीन नियुक्त किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस निर्णय का विरोध करते हुए घोषणा की है कि वह अप्रैल से डॉ. शैजा की डीन (योजना एवं विकास) पद पर नियुक्ति को रद्द कराने के लिए संस्थान में आंदोलन शुरू करेगी।
डॉ. शैजा वर्तमान में एनआईटी कालीकट के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। 2024 में गांधीजी की पुण्यतिथि पर उन्होंने फेसबुक पर एक टिप्पणी की थी, जिसमें लिखा था, “भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है।” यह टिप्पणी एक वकील की पोस्ट पर की गई थी, जिसमें कहा गया था, “हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे, भारत में कई लोगों के नायक हैं।” हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणी हटा दी, लेकिन इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो गए।
इस विवाद के बाद, उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं, जिसके आधार पर कोझिकोड सिटी पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया था। उस समय विभिन्न वामपंथी और कांग्रेस संगठनों ने उनकी बर्खास्तगी की मांग की थी।
डॉ. शैजा ने सफाई देते हुए कहा था, “मेरी टिप्पणी गांधीजी की हत्या का समर्थन करने के लिए नहीं थी। मैं ऐसा कभी नहीं करना चाहती थी। मैंने नाथूराम गोडसे की पुस्तक ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’ पढ़ी थी, जिसमें कई ऐतिहासिक तथ्यों और जानकारियों का उल्लेख है, जो आम जनता को नहीं पता। इस संदर्भ में, मैंने फेसबुक पोस्ट पर टिप्पणी की थी। जब मुझे लगा कि मेरी बात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, तो मैंने अपनी टिप्पणी हटा दी।”
जब बुधवार को डॉ. शैजा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस ताजा विवाद पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इस बीच, कांग्रेस कोझिकोड जिला समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने उनकी नियुक्ति को रद्द करने की मांग करते हुए कहा, “यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार के अधीन संस्थानों में आरएसएस का एजेंडा लागू किया जा रहा है। गांधीजी का अपमान करने वाली प्रोफेसर को पदोन्नति दी जा रही है। जब तक उनकी नियुक्ति वापस नहीं ली जाती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”