फिरोजाबाद। श्रीकृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार द्वारा आयोजित दिव्य गीता महोत्सव में दूसरे दिन गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि जिस प्रकार मोबाइल की बैट्री कम होने पर हम उसे चार्जिंग पर लगाते हैं, उसी प्रकार तनाव मुक्त जीवन के लिए ध्यान साधना जरूरी है। महाभारत के दौरान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भागवत गीता सुनाई थी। इसी के 6 अध्याय के श्लोक 12 और 13 में उन्होंने ध्यान लगाने का तरीका बताया है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि भगवत गीता पढ़कर आपको लगेगा कि हर समस्या का समाधान गीता में ही है। भगवत गीता का एक पात्र ऐसा है, जो दृष्टि विहीन है जो बुद्धि से विवेक हीन है, विचारों से हीन है। धृतराष्ट्र के पास बाहर की आंखें नहीं थी पर उसके पास अंदर की आंखें भी नहीं थी। अंधे तो सूरदास भी थे, लेकिन उन्होंने मन की आंखों से भगवान को दिखा। जैसे राम कथा, कृष्ण कथा भागवत कथा इन सभी में कथाओं का एक क्रम है।
परंतु गीत कथा नहीं है बल्कि हम क्या कर रहे हैं और मनुष्य जीवन में हमें क्या करना चाहिए इसका आधार है। गीता इसकी प्रेरणा है गीता। मनुष्य से देवत्व की ओर बढ़ने की सीढी है गीता। भगवान श्रीकृष्ण ने आने वाली पीढियां की चिंताओं को भांप लिया था, कि आगे समय कैसा आएगा, उनके दिए हुए गीता सूत्र आज भी प्रासंगिक हैं। उनहोंने कहा कि दिव्य चक्षु भगवत गीता से ही खुलेंगे। बिनु सत्संग विवेक ना हुई राम कृपा बिनु सुलभ न हुई।
अनूप अग्रवाल बजाज ने गीता पूजन किया। रमेश बंसल बीटू, पूनम अग्रवाल, निशांत बंसल निशु, पूर्व राज्य मंत्री विवेक अग्रवाल, बांके बिहारी अग्रवाल, मुकेश गुप्ता मामा, दीपक गर्ग दीपू, लक्ष्मी नारायण गुप्ता, अशोक अग्रवाल डीटीसी, पुष्पेंद्र गोयल, संजीव कुमार जैन, जितेंद्र अग्रवाल, कन्हैया बंसल कान्हा, गौरव अग्रवाल प्लाईवुड, रामसेवक गर्ग, मुकेश बंसल, शरद चंद्र, बसंत अग्रवाल द्वारा आरती की गई।