फिरोजाबाद। सुहाग की प्रतीक चूड़ी को पुख्ता पहचान मिलेगी। शहर के परंपरागत चूड़ी उद्योग की शुरूआत से विस्तारणीकरण से जुड़े तथ्य संजोने गये हैं। चूड़ी उद्योग से जुड़ी विस्तृत जानकारी वाली कांच की चूड़ियां (ज्ञान, विज्ञान, उद्योग और कला) नामक पुस्तक का विमोचन सोमवार को हुआ।
दशकों से चूड़ी उद्योग की मददगार द एनर्जी एंड रिर्सोस इंस्टीटियूट (टेरी) नामक संस्था द्वारा शहर के कांच चूड़ी उद्यमियों की मौजूदगी में पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक में उल्लेखित तथ्यों और जानकारी का संकलन इंजीनियर ब्रजेश शर्मा और इंजीनियर पीयूष शर्मा द्वारा किया गया।
होटल मोनार्क में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मौजूद शहर के कांच उद्यमियों ने वर्ष 1996 से चूड़ी उद्योग की विभिन्न मुद्दों पर सहयोग खास तौर पर गैस फर्नेश के आधुनिकरण और फर्नेश में ईधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस के की खपत कम कराने को टेरी के सुझावों का स्वागत किया गया।
कांच चूड़ी उद्यमियों अतुल चतुर्वेदी और प्रमोद जैन राजा ग्लास ने द एनर्जी एंड रिर्सोस के निदेशक गिरीश सेठी एवं अनंत मोहन घोष से चूड़ी उद्योग की मदद को अन्य तकनीकी परीक्षण व सुझाव मांगे गये। कार्यक्रम में शहर के प्रमुख उद्योगपति हनुमान प्रसाद गर्ग, अनिल उपाध्याय, संजय जैन घंटू, हेमंत अग्रवाल चॉयस के अलावा जुनैद मुकर्रम आदि मौजूद रहे।