फिरोजाबाद। रामलीला ग्राउंड में चल रहे विराट संत सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद के कृपापात्र सोहम पीठाधीश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि धर्म का पालन आवश्यक है। तभी जीवन सफल हो सकता है।
उन्होंने कहा कि युधिष्ठिर ने धर्म का पालन करते हुए उन्नति पाई। हरिश्चंद ने धर्म का पालन किया, यद्यपि उनके जीवन में बहुत कठिनाइयां आई थीं। धर्म के पालन में बहुत परीक्षाएं होती हैं। किंतु जो उसमें सफल हो जाते हैं, वो प्रसिद्ध हो जाते हैं और प्रेरणा स्रोत हो जाते हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी धन एकत्रित करले किंतु और अधिक प्राप्त करने की तृष्णा समाप्त नहीं होती। इसलिए भगवान की कृपा से जितनी भी स्वांसे मिली हैं उनको सही प्रकार से उपयोग में लाते हुए धर्म का पालन करना चाहिए।
सद्गुरु स्वामी विवेकानंद महाराज का 79 वाँ जन्मदिवस कल मनाया जाएगा। रामशरणदास ने कहा धर्म पर डट जाना कोई सामान्य बात नहीं है। मोरध्वज आदि अनेकों भक्तों ने धर्म का आधार लेकर अपनी मुक्ति कर ली थी। स्वामी परमानंद ने कहा कि सनातन धर्म का क्षेत्र बहुत व्यापक है। अलग-अलग विचारधाराएं भी है। स्वामी प्रणवानंद ने कहा अपने धर्म का ही पालन मरते दम तक करना चाहिए।
निगमानन्द, स्वामी नारायणानंद, स्वामी हरिशरणानंद, स्वामी सच्चिदानंद और स्वामी सदानंद ने भी श्रद्धालुओं को उपदेशित किया। इस अवसर पर यज्ञपति उमेश अग्रवाल कथा परीक्षित मनोज यादव, उमाकांत पचैरी, द्विजेन्द्र मोहन शर्मा, चन्द्रप्रकाश शर्मा, विकास लहरी, शिवनारायण यादव, संजय अग्रवाल, जगदीश यादव, पंडित रामदेव शर्मा, शिवशंकर तिवारी, सर्वेश दीक्षित बालकिशन अग्रवाल महेश यादव, विपिन शर्मा, नरेंद्र कुमार शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा आदि मौजूद रहे।