-भगवान बाहुबली गोमटेष के महामस्तिकाभिषेक में हुआ अ.भा. विराट कवि सम्मेलन
फिरोजाबाद। भगवान बाहुबली के महामस्तिकाभिषेक महोत्सव पर आयोजित कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग के कवियों ने जनता को खूब हसांया। दूर-दराज से आए कवियों ने अपनी कविताओं समां बांधा। वीर रस के प्रख्यात कवि हरिओम पवार ने अपनी देशभक्ति रचनाएं सुनाकर लोगों में जोश पैदा किया। पूरा पांडाल तालियों से गूंज उठा।
सेठ छदामीलाल जैन मंदिर में कवि सम्मेलन का शुभारंभ ट्रस्ट के अध्यक्ष महावीर जैन ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। अध्यक्षता प्रदीप गोयल सूरत ने की। मुख्य अतिथि सेठ दिव्यांश जैन रहे। कवियों का सम्मान संतोष शाह हैदराबाद, राजीव जैन, संजीव जैन जयपुर, मुकेश मित्तल, पार्थ गोयल, पुष्पक पुजारी ने बैंज लगाकर पीत पट्टिका पहनाकर किया। सरस्वती, महावीर बंदना कवियेत्री कीर्ति काले ग्वालियर ने किया। प्रख्यात कवि हरिओम पंवार ने कहा कि पैरों में अंगारे बांधे, सीने में तूफान भरे। आँखों में दो सागर आँजे, कई हिमालय शीश धरे, मैं धरती के आँसू का सन्त्रास नहीं तो क्या गाऊँ। अफगानी तूफानों का इतिहास नहीं तो क्या गाऊँ। मेरे पास कलम है केवल बम गोली हथियार नहीं।
कवि यशपाल यश ने कहा कि दर्द के नयन का नीर हो जाएगा, काम को जान ले वीर हो जाएगा, लोक कल्याण हित साधना जो करे, धीरे-धीरे महावीर हो जाएगा। संचालन कर रहे नई दिल्ली से आए कवि प्रवीन शुक्ल ने सुनाया कि मिटाकर नफरतों को जिंदगी में प्यार अपना लो, है जितने जैन नियम, उन सभी को अपना लो। अगर चाहते हो दिल से भगवान को पाना, कसम खाकर इसी पल से ही शाकाहार अपना लो।
डा. कीर्ति कॉले ने सुनाया कि अयोध्या में अगर ढूढोगे तो श्रीराम मिलते हैं। वृंदावन में ढूढ़ोगे तो फिर घनश्याम मिलते हैं। मां बाप के चरणों में चारो धाम मिलते हैं। टीकमगढ़ से आए अनिल तेजस्व ने कहा कि- बड़ा तालाब बड़ा तालाब जितना हो, समंदर हो नहीं सकता। हिमालय कितना ऊंचा हो, अंबर बन नहीं सकता। बिना प्रभु की कृपा के कोई दिगंबर नहीं बन सकता। लखनऊ से आए सर्वेश आस्थना ने सुनाया कि दहेज के मौसम में आजकल ऐसे भी दिन आने लगे हैं कि मां बाप अपने योग्य बेटे को किराये पर उठाने लगे हैं। देर रात्रि तक लोगों ने कवि सम्मेलन में आनंद लिया।
इस दौरान अनूपचंद्र जैन, पीके जिंदल, अरुण जैन, संजय जैन पीआरओ, राहुल जैन सिटीजन, अशोक जैन, अनुज जैन तुलसी, अभिषेक जैन राजा, प्रमोद जैन, डा. अनिल जैन, अतुल यादव, प्रमिल जैन, संजीव जैन एड, विजय जैन एड, चन्द्रप्रकाश जैन, संजय जैन बल्ले आदि मौजूद रहे।