भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों पर ट्रम्प के नए टैरिफ का प्रभाव

ट्रम्प का ‘लिबरेशन डे’: वैश्विक व्यापार पर डालेगा भारी असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीति में एक नया मोड़ आने वाला है। 2 अप्रैल को ट्रम्प ने इसे “लिबरेशन डे” के रूप में घोषित किया है, जिसमें विदेशी वस्तुओं पर भारी आयात शुल्क लागू किए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को मजबूती देना और विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करना है। लेकिन सवाल उठता है: इस नीति का सबसे बड़ा नुकसान किसे होगा?
ट्रम्प की नई नीति: संरक्षणवाद की ओर एक और कदम
ट्रम्प हमेशा से “अमेरिका फर्स्ट” नीति के पक्षधर रहे हैं, और अब वह इसे व्यापार क्षेत्र में भी लागू कर रहे हैं। उनका तर्क है कि अन्य देश अमेरिका पर अनुचित व्यापारिक शुल्क लगाते हैं, जबकि अमेरिका को अपने बाजार में सीमित पहुंच मिलती है। ट्रम्प का उद्देश्य अब पारस्परिक टैरिफ लगाना है — यानी अन्य देशों के शुल्कों के समान दरों पर अमेरिका भी शुल्क लगाएगा।
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो का कहना है कि इन नए टैरिफ से अमेरिका को सालाना 600 अरब डॉलर का लाभ हो सकता है, यानी औसतन 20% कर दर। हालांकि, इस योजना के सटीक विवरण अभी भी रहस्य में हैं।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव
आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव: ट्रम्प के नए टैरिफ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कृषि जैसे उद्योग पहले ही इस प्रभाव को महसूस कर सकते हैं।
उपभोक्ताओं पर असर: आयात शुल्क के कारण वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगे उत्पाद खरीदने पड़ सकते हैं।
प्रतिशोधी टैरिफ: कई देश अमेरिका के इस कदम का जवाब दे सकते हैं। यूरोपीय संघ, कनाडा, और मेक्सिको जैसे देश अपने खुद के टैरिफ लागू करने की धमकी दे चुके हैं।
प्रमुख टैरिफ की सूची: कौन से उत्पाद प्रभावित होंगे?
2 अप्रैल: वेनेजुएला से तेल और गैस पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।
3 अप्रैल: सभी ऑटो आयातों पर 25% टैरिफ लागू होगा।
अप्रैल की शुरुआत: कनाडा और मेक्सिको से आयात पर पहले से विलंबित शुल्क अब लागू होंगे।
इन उपायों से सालाना 100 अरब डॉलर की राजस्व अपेक्षित है। हालांकि, उद्योग विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे वाहन कीमतों में वृद्धि और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
मौजूदा टैरिफ और उनका प्रभाव
चीन पर टैरिफ: फरवरी में 10% से बढ़कर मार्च में 20% हो गया।
स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ: अब 25% शुल्क लागू है।
कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ: कनाडाई ऊर्जा उत्पादों पर 10% शुल्क अभी भी लागू है।
वैश्विक प्रतिक्रियाएँ: अमेरिका के खिलाफ कौन कर सकता है जवाबी हमला?
यूरोपीय संघ: यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, “हमारे पास जवाबी कार्रवाई के लिए एक मजबूत योजना है।”
कनाडा: कनाडा सरकार ने अपने उत्पादों पर भी टैरिफ लागू करने की चेतावनी दी है।
भारत: भारत पर इसका प्रभाव कम हो सकता है, लेकिन द्विपक्षीय व्यापार समझौते के चलते कुछ राहत मिल सकती है।
क्या भारत पर इसका असर पड़ेगा?
हाल ही में अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते के लिए चर्चा हुई थी। पीएमओ ने इस सौदे को अंतिम रूप देने में रुचि दिखाई है। ट्रम्प ने संकेत दिया कि भारत अपने टैरिफ में कटौती करने के लिए तैयार है, जिससे भारतीय उत्पादों को राहत मिल सकती है।