जेपी मॉर्गन कर्मचारियों की नाराजगी: निजी चैट में RTO नियमों पर उठे सवाल

जेपी मॉर्गन के कर्मचारियों ने निजी चैट में RTO को लेकर निकाली भड़ास, बैंक द्वारा टिप्पणियाँ अक्षम करने के बाद

जेपी मॉर्गन के जनवरी 2024 के आदेश के अनुसार, सभी कर्मचारियों को सप्ताह में पाँच दिन कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया गया। इस निर्णय के बाद, आंतरिक चर्चाएँ गरम हो गई हैं। बैंक की ओर से आधिकारिक संचार की कमी के चलते, कई कर्मचारियों ने निजी सिग्नल चैट और रेडिट थ्रेड्स पर अपनी कुंठा व्यक्त की और बैंक के रिटर्न-टू-ऑफिस (RTO) नीति को लागू करने की रणनीति पर अटकलें लगानी शुरू कर दीं।

निजी चैट बने कर्मचारियों के लिए ‘सहायता समूह’

बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये निजी चैट कई कर्मचारियों के लिए अनौपचारिक “सहायता समूह” बन गए हैं। इनमें वे कर्मचारी शामिल हैं जो जेपी मॉर्गन के सख्त RTO नीति से असंतुष्ट हैं।

जेपी मॉर्गन में आठ वर्षों से कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि एक “बेहद सक्रिय” चैट समूह में प्रतिदिन 100 से अधिक संदेश आते हैं। यह केवल एक उदाहरण है; ऐसे कई चैट समूह हैं जहाँ कर्मचारी इस नीति पर चर्चा कर रहे हैं।

एक अनाम कर्मचारी ने कहा, “जेपी मॉर्गन के भीतर आधिकारिक जानकारी बेहद सीमित है। हमें खुद से जानकारी जुटानी पड़ती है, क्योंकि यह बैंक द्वारा प्रसारित नहीं की जा रही।”

बैंक ने कर्मचारियों की टिप्पणियाँ अक्षम कीं, निजी चर्चाएँ हुईं तेज़

जेपी मॉर्गन चेस द्वारा एक आंतरिक वेबपेज को निष्क्रिय करने के बाद, जहाँ दूरस्थ कार्य समाप्त करने की घोषणा पर कई शिकायतें आई थीं, निजी चैट समूह और अधिक सक्रिय हो गए। जनवरी में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस निष्क्रियता की खबर दी थी।

कर्मचारियों की चिंताएँ: संभावित बर्खास्तगी और निगरानी

हाल ही में एक चैट में कथित रूप से जेपी मॉर्गन ब्रांडिंग वाला एक असत्यापित दस्तावेज़ सामने आया, जिसने चर्चाओं को और तेज कर दिया। इस छह-पृष्ठ के दस्तावेज़ में कुछ कर्मचारियों के लिए संभावित बर्खास्तगी से पहले चेतावनी देने की प्रक्रिया सहित, RTO आवश्यकताओं को पूरा न करने वालों के लिए दंडात्मक कदम बताए गए थे।

बिजनेस इनसाइडर (BI) इस दस्तावेज़ की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका।

जेपी मॉर्गन के प्रवक्ता ने दस्तावेज़ की सत्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन कहा, “यदि कर्मचारी अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर रहे हैं, तो इसके परिणाम होंगे – ठीक वैसे ही जैसे किसी भी अन्य प्रदर्शन समस्या में होते हैं।”

कर्मचारियों में बढ़ती चिंता

जेपी मॉर्गन के कर्मचारी इस बात से भी चिंतित हैं कि उनकी उपस्थिति और उत्पादकता की निगरानी कैसे की जा रही है। कुछ कर्मचारियों को डर है कि ट्रैकिंग सिस्टम उनके कार्य घंटों को ठीक से लॉग नहीं कर रहा, जबकि अन्य इसे अनावश्यक निगरानी मानते हैं। एक तकनीकी उपाध्यक्ष ने व्यंग्यात्मक रूप से कहा, “हमें लगा था कि बेबीसिटिंग अब खत्म हो चुकी है।”

रेडिट पर भी बढ़ी नाराजगी

रेडिट पर कई जेपी मॉर्गन कर्मचारियों ने RTO पर सख्त रुख अपनाने के लिए सीईओ जेमी डिमन की आलोचना की।

एक टिप्पणी में लिखा गया, “यह संगठित करने का मामला है। सप्ताह में 5 दिन RTO से इनकार करने से छंटनी नहीं होगी, खासकर जब कंपनी ने WFH के दौरान रिकॉर्ड मुनाफ़ा कमाया था।”

एक अन्य पोस्ट में सिद्धांत दिया गया, “वे उम्मीद कर रहे हैं कि लोग खुद ही नौकरी छोड़ दें, क्योंकि यह छंटनी से बेहतर दिखता है।”

जेपी मॉर्गन की सख्त RTO नीति को लेकर कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है। अब देखना यह होगा कि बैंक इस असंतोष को कम करने के लिए क्या कदम उठाता है।

ravi kumar
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रवि कुमार एक अनुभवी और समर्पित संवाददाता हैं, जो अपने लेखन और रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। उनकी पत्रकारिता में गहरी समझ और सटीकता का मिश्रण देखने को मिलता है, जो पाठकों को हर मामले की सच्चाई से अवगत कराता है। रवि ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावी ढंग से रिपोर्टिंग की है, जिससे उनकी पहचान एक विश्वसनीय पत्रकार के रूप में बनी है।

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