“कुणाल कामरा विवाद: देवेंद्र फडणवीस बोले – ‘अपमानजनक बयान स्वीकार नहीं किए जा सकते'”

‘अपमानजनक बयान स्वीकार नहीं किए जा सकते’: कुणाल कामरा विवाद पर बोले फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई कथित टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि किसी को मानहानि करने की अनुमति मिल जाए।
फडणवीस का बयान
फडणवीस ने कहा, “स्टैंड-अप कॉमेडी करने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी कुछ भी बोल सकता है। महाराष्ट्र की जनता ने तय कर लिया है कि देशद्रोही कौन है। कुणाल कामरा को माफी मांगनी चाहिए, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “जिस तरह से स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का अपमान करने की कोशिश की, वह पूरी तरह गलत है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और इस प्रकार की बातें स्वीकार्य नहीं हैं।”
सोशल मीडिया पर कामरा की पोस्ट का जिक्र
फडणवीस ने कुणाल कामरा की उस सोशल मीडिया पोस्ट का भी उल्लेख किया, जिसमें वह संविधान की एक प्रति पकड़े हुए नजर आए। उन्होंने कहा, “कामरा और राहुल गांधी दोनों ने संविधान को सही से पढ़ा नहीं है। संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन उसकी कुछ सीमाएँ भी हैं।”
उन्होंने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा, “जनता ने उन लोगों को घर भेज दिया, जिन्हें वे देशद्रोही मानते थे और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को बरकरार रखा।”
एफआईआर और विरोध प्रदर्शन
कुणाल कामरा ने अपने शो ‘नया भारत’ में मौजूदा राजनीतिक हालात पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने शिवसेना को तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए एकनाथ शिंदे की आलोचना की थी। इस टिप्पणी के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के समर्थकों ने खार के एक होटल में आयोजित उनके शो के सभागार में तोड़फोड़ की और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की।
इसके बाद, मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। महाराष्ट्र के गृह मंत्री योगेश कदम ने बताया कि पुलिस अधिकारी इस मामले में कामरा की तलाश कर रहे हैं। वहीं, मुंबई में शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य लोगों के खिलाफ स्टैंड-अप कॉमेडी स्थल को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
अजित पवार का बयान
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “किसी को भी अपने अधिकारों के भीतर रहकर बोलना चाहिए। कानून, संविधान और नियमों की मर्यादा का पालन करना आवश्यक है। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पुलिस को इन बयानों के कारण हस्तक्षेप न करना पड़े।”