मनोज कुमार का अंतिम संस्कार: ‘भारत कुमार’ को मिला राजकीय सम्मान, मुंबई में भावुक विदाई

मनोज कुमार का अंतिम संस्कार: देश ने किया ‘भारत कुमार’ को विदाई का राजकीय सम्मान
आज मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट पर भारतीय सिनेमा के सुनहरे दौर के प्रतीक मनोज कुमार को उनके अंतिम सफर के लिए विदाई दी गई। 87 वर्षीय इस दिग्गज कलाकार, जिन्होंने अपनी देशभक्ति फिल्मों से पूरी एक पीढ़ी को प्रेरित किया, का कल रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
राजकीय सम्मान के साथ विदाई
सुबह 11:30 बजे शुरू हुए अंतिम संस्कार समारोह में कई गणमान्य हस्तियों ने शिरकत की। मनोज कुमार के पार्थिव शरीर को भारतीय तिरंगे में लपेटा गया था, जो उनके फिल्मी करियर में देशभक्ति के प्रति समर्पण को दर्शाता था। उनकी अर्थी को फूलों से सजी एक विशेष वाहन में उनके निवास से श्मशान घाट ले जाया गया।
परिवार और प्रशंसकों ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
समारोह में मौजूद उनकी पत्नी शोक में डूबी नजर आईं, जबकि बेटे कुणाल गोस्वामी ने संयम बरतते हुए पिता को अंतिम विदाई दी। कुणाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह ईश्वर की कृपा है कि पिताजी ने शांति से इस दुनिया को अलविदा कह दिया।”
शहीद भगत सिंह सेवा दल के अध्यक्ष डॉ. जीतेंद्र सिंह शंटी ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में मनोज कुमार को याद करते हुए भावुक हो गए: “कोविड के दौरान उन्होंने मुझे हमेशा हिम्मत दी – ‘डरो मत, भगत सिंह की तरह देश की सेवा करो’। उनकी फिल्मों का संदेश कभी नहीं मरने वाला।”
एक युग का अंत: मनोज कुमार का अमर विरासत
‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर इस कलाकार ने अपनी फिल्मों ‘उपकार’, ‘शहीद’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के जरिए न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि देशभक्ति की नई परिभाषा भी गढ़ी। उन्हें 1992 में पद्म श्री और 2015 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि का सैलाब
- अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट किया: “देशभक्ति फिल्मों के सच्चे सिपाही को अंतिम सलाम।”
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा: “मनोज कुमार जी की फिल्मों ने हमेशा देशप्रेम की अलख जगाई।”
- फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने उन्हें याद करते हुए भावुक पोस्ट्स शेयर किए।