आरोप-अधिकारी और एक जन प्रतिनिधि की भूमिका समझ से परे
फिरोजाबाद। मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र की फांसी लगने से हुई मौत मामले में पिछले पांच दिनों से सुभाष तिराहे पर परिजन धरने पर बैठे है।पांच दिन बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इस पर लोगों ने सवाल खडे किये वहीं धरना पर बैठे शैलेद्र के पिता ने उप मुख्यमंत्री से हुई वार्ता का प्रसंग का उल्लेख करते हुये विधायक सदर की भूमिका पर गंभीर सवाल दागे।
विगत पांच दिनों से कुछ दिन पूर्व मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्र शैलेन्द्र शंखवार की फांसी लगने से मौत मामले में उसके पिता उदय सिंह सुभाष तिराहा पर धरने पर बैठे है। जहां धरना स्थल पर शनिवार को उन्होंने एक बड़ा बयान जारी किया और मीडिया को बताया कि पिछले पांच दिन से धरने पर बैठे है कोई सुध लेने नहीं आया, बताया शुक्रवार सुबह लगभग दस बजे विधायक मनीष असीजा उनके साथ भाजपा महानगर अध्यक्ष राकेश शंखवार, उनके साथ नामित पार्षद सुरेन्द्र राठौर, साथ में मोहल्ले के 15-20 लोग पहुँचे, जहाँ फोन निकाल डिप्टी सीएम को फोन लगाकर हेंडफ्री कर दिया, और बोले सर आपके पास हम आये थे पीड़ित परिवार को साथ में लेकर आये थे, उसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई है, शैलेन्द्र सिंह बच्चा है एमबीबीएस में खत्म हुआ है उसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
डिप्टी सीएम साहब ने उधर से कहा आप आये थे हमने आपको सचिव साहब के पास भेजा था। आप ही तो मना कर गए थे कोई कार्यवाही नहीं होनी है। हमने इसीलिए तो कोई कार्यवाही नहीं की है, फिर बोले विधायक उन्होंने तो मना नहीं किया है तो एक बार फिर सचिव साहब से बात कर लो, तो हमने ये हवन इसलिये किया है हमारे जैसे दलित पिछड़े लोगो को विधायक जी कब तक बेवकूफ बनाते रहेंगे, उनकी बुद्धि शुद्ध हो जाये आइंदा से किसी से भी विधायक इस तरह की बातें न करें इसलिय्ये हवन किया है।