फिरोजाबाद: रक्तदान से बढ़कर कोई भी पुण्य कार्य नहीं-महापौर

फिरोजाबाद सेवा समिति ने 300 रक्तदाताओं को किया सम्मानित

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद सेवा समिति द्वारा रक्त दाताओं का सम्मान पाॅलीवाल हाॅल में किया गया। कार्यक्रम में 300 रक्तदाताओं को सम्मान पत्र व पीत दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में सदर विधायक सदर मनीष असीजा ने कहा कि एक रक्तदाता तीन लोंगो की जिन्दगी बचाने का कार्य करता है। रक्तदान से बढ़कर कोई भी पुनीत कार्य नही है। रक्तदान को इसलिए महादान कहा जाता है। इन रक्तदाताओं की निस्वार्थ सेवा भावनाओं से आज मानवीय संवेदना का कार्य किया जा रहा है। कोरोना वैश्विक महामारी व डेंगू में जनपद के रक्तदाओ ने विषम परिस्थितियों में रक्तदान कर हजारों जरूरतमंदो की जान बचाने का कार्य किया।

महापौर कामिनी राठौर ने सभी रक्तदाताओ को सम्मानित कर उनका उत्साह बढ़ाने के लिए कहा कि अनजान व जरूरतमंदों मरीजों की प्राणों की रक्षा हेतु रक्तदान कर मानवीय कार्य कर रहे हैं। जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। रक्तदान से बढ़कर कोई भी पुण्य कार्य नहीं है। कार्यक्रम संचालन एस.ए. ब्लड डोनेशन क्लब के अध्यक्ष अमित गुप्ता रक्तवीर व असलम भोला ने किया। इस दौरान कार्यक्रम प्रभारी सत्यवीर गुप्ता, अशोक अनुरागी, जिला औषधि निरीक्षक देशबंधु विमल, मुकेश गुप्ता मामा, डॉ मंयक भटनागर, अनुपम शर्मा ने रक्तदान की महत्वता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में फिरोजाबाद सेवा समिति के अध्यक्ष गौरव बंसल, सचिव असलम भोला ने सभी अतिथियों का पीट् दुपट्टा पहना कर स्वागत किया और नवनिर्वाचित महापौर कामिनी राठौर एवं नगर विधायक मनीष असीजा का अभिनंदन कर स्वागत किया। स्व. रामवती देवी अग्रवाल व स्व. ओम प्रकाश अग्रवाल की स्मृति में किशोर अग्रवाल बंटी व मनोज अग्रवाल द्वारा रक्तदाताओं को प्रशस्त्री पत्र प्रदत्त किये गए।

कार्यक्रम में शंकर गुप्ता, डॉ दीप्ति जैन, डॉ शिखा जैन, राजू राठौर, नितिन अग्रवाल, अमित जैन राजा, नितेश अग्रवाल जैन, रीमा यादव, राजेश दुबे, दुर्गेश यादव, रोहित सिकरवार, भूपेंद्र निषाद, रितेश आर्य, हेमन्त अग्रवाल बल्लू, विनोद चैहान आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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