फिरोजाबाद: निगम कार्यकारिणी की बैठक में विकास कार्य न होने से आहत एक पार्षद ने आत्मदाह की दी चेतावनी

निगम की कार्यकारिणी की बैठक में 5.53 अरब के बजट को मिली हरी झंडी
-बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों ने खाने के पैंकेट का किया बहिष्कार

फिरोजाबाद। नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट पास हुआ। कार्यकारिणी सदस्यों ने इस सत्र के लिए 5.53 अरब के बजट को हरी झंडी दे दी। इससे शहर के विकास को पंख लगेंगे। कार्यकारिणी सदस्यों ने आय के विभिन्न स्रोतों में बढ़ोतरी की। साथ ही कई मदों में खर्च के प्रावधानों को कम कर दिया। कार्यकारिणी की बैठक में वार्ड में विकास कार्य न होने से नाराज एक पार्षद ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी। पार्षद की चेतावनी पर उनके वार्ड में चार कामों को स्वीकृत किया गया। वहीं बैठक में सदस्यों ने खाने के पैकेटों का भी बहिष्कार कर दिया।

सोमवार को नगर निगम के जीवाराम हॉल में कार्यकारिणी की बैठक महापौर कामिनी राठौर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नगर निगम में लगभग पांच अरब, 53 करोड़, 914467 रुपये के बजट का प्रावधान रखा गया है। इस साल के बजट में सभी श्रोत से करीब चार अरब, 22 करोड़, 37,60000 की सकल आय की उम्मीद है। जबकि गत वित्तीय वर्ष के अवशेष करीब एक अरब, 27करोड़, 4664427 रुपये को जोड़ते हुए 5.53 अरब का बजट स्वीकृति के लिए कार्यकारिणी के समक्ष रखा गया।

करीब डेढ़ घंटे चली चर्चा के बाद 2024-25 के बजट पर निगम कार्यकारिणी ने अपनी मुहर लगा दी। उपरोक्त बजट को अब अनुमोदन के लिए मंगलवार को प्रस्तावित निगम बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। वहीं नगर आयुक्त ने बताया कि पार्षद ने आत्मदाह की चेतावनी इसलिए दी थी क्योंकि उनके वार्ड में पहले काम नहीं हो सके थे। अब उनके वार्ड के चार कार्यो को स्वीकृत किया गया है। जल्द ही नियमानुसार कार्य पूर कराए जाएंगे।

बैठक का संचालन नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने किया। बैठक में उप सभापति श्याम सिंह यादव के अलावा कार्यकारणी सदस्यों में देशदीपक यादव, सुभाष यादव, रिहान, वाहिद अली, अजब सिंह, सुरेश दिवाकर, प्रीति गुप्ता के अलावा निर्माण, प्रकाश, जलकल, कर विभाग एवं आईटीएमएस के अधिकारी भी मौजूद रहे।

कई मुद्दों पर अफसरों से नाखुश दिखे पार्षद-

फिरोजाबाद। कार्यकारणी सदस्यों ने जनहित से जुड़े कई मुद्दों को लेकर निगम अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। एक मामले में तो उपसभापति ने निगम में तैनात एक अफसरों के विरुद्ध सीधे मोर्चा खोलने तक की चेतावनी दे डाली। इसके अलावा वार्ड नंबर 22 के पार्षद सुरेश चंद्र दिवाकर ने दस माह से वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए। साथ ही सदन के समक्ष आत्मदाह तक की चेतावनी दें दी। वहीं विकास कार्यों के भुगतान से पूर्व टीएसी जांच संबंधी नियम के विरुद्ध भी अधिकांश सदस्य एकमत नजर आए।

कार्यकारणी सदस्यों ने लगाए आरोप-

-टीएसी जांच के नाम पर ठेकेदारों पर बनाया जा रहा दवाब।
-रैन बसेरा के समीप निगम मार्केट के बरामदा में दीवार लगा कर अतिक्रमण कराने का आरोप।
-सुहागनगर में सार्वजनिक नाली पर अतिक्रमण हटाने में हीलाहवाली।
-कुटेशन कार्य की निविदा स्वीकृति कार्य में मनमानी।
-स्ट्रीट लाइट के रखरखाव एवं संचालन में कार्यदायी संस्था पर लापरवाही का आरोप।

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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