फिरोजाबाद: अहंकार को जीतने के लिए विनम्रता बहुत आवश्यकःवसुनंदी महाराज

-दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म की हुई पूजा अर्चना

फिरोजाबाद। पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन नगर के जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। उत्तम, मार्दव धर्म की धूम रही। छदामीलाल जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में विशाल दस दिवसीय श्रावक साधना एवम धर्म संस्कार शिविर का भी आयोजन चल रहा है।

दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन नगर में उत्तम मार्दव धर्म की धूम रही। सोमवार को प्रातः महावीर जिनालय में सैकड़ों भक्तो ने मंदिर जी में नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन किया। दसलक्षण महाअर्चना बड़ी भक्ति भावो के साथ संपन्न हुई। आचार्य श्री ने उत्तम मार्दव धर्म के संबंध में कहा कि हम सामने वाले के अहंकार को अपने अहंकार से तोड़ना चाहते हैं, लेकिन अहंकार को अहंकार से नहीं तोड़ा जा सकता है। जिस तरह अग्नि को अग्नि से शांत नहीं किया जा सकता, रक्त का दाग रक्त से नहीं धुल सकता, अंधकार को अंधकार से नहीं मिटाया जा सकता, घृणा घृणा से दूर नहीं होती है, अपशब्द बोल करके अबशब्दों का मुख बंद नहीं किया जा सकता अपितु आप शब्दों की वृद्धि ही होती है

उसी प्रकार अहंकार को जीतने के लिए विनम्रता बहुत आवश्यक है। जिसके पास भी विनम्रता का अस्त्र नहीं है वह किसी के अहंकार को ना तो तोड़ सकता है और ना ही जीत सकता है। यदि सामने वाला आग बन रहा है तो आप पानी बन जाइए ऐसा करने से आपका घर स्वर्ग जैसा बन जाएगा और जीवन में आनंद ही आनंद होगा। इंद्रा कॉलोनी स्थित आदिनाथ जिनालय, नसिया जी मंदिर, चन्द्रप्रभु मंदिर, अट्टावाला मंदिर, बडी छपैटी, छोटी छपेटी, रसूलपुर, देवनगर, महावीर नगर, सुहाग नगर आदि जैन मंदिर में पूजा अर्चना की गई।

इस अवसर पर संजय कुमार जैन पीआरओ, प्रदीप जैन पीके, मीडिया प्रभारी अजय जैन बजाज, राज जैन, विनोद जैन, स्नेह जैन, सचिन जैन नितिन जैन, अभिषेक जैन, राजकुमार जैन, सुशील जैन, मनोज जैन, राजा बाबू जैन. राजेश जैन चैधरी, सिद्ध स्वरूप जैन, प्रवीन जैन, राहुल जैन आदि मौजूद रहें।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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