फिरोजाबाद: बिना संयम के मोक्ष मार्ग की सीढ़ियां चढ़ना असंभव-वसुनंदी महाराज

फिरोजाबाद। महावीर जिनालय छदामीलाल जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में दसलक्षण पर्व के छठवें दिन उत्तम संयम धर्म की पूजा अर्चना भक्तो ने की।

शुक्रवार को प्रातः महावीर जिनालय में सैकड़ों भक्तो ने मंदिर में नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन किया। आचार्य श्री के मुखारविंदु से शांतिधारा का उच्चारण किया गया तो पूरा मंदिर प्रांगण मंत्रो से गुंजायमान हो उठा। आचार्य श्री ने विशाल धर्मसभा को सबोधित करते हुए कहा कि उत्तम संयम धर्म वह रेलिंग है जिसे पकरकर व्यक्ति मोक्ष मार्ग की सीढ़ियां चढ़ पाता है, बिना संयम के मोक्ष मार्ग की सीढ़ियां चढ़ना असंभव होता है। संयम के बिना प्राणी चारों गतियां में भ्रमण करता रहता है एवं दुखो को प्राप्त करता रहता है।

व्यक्ति के जीवन में संयम का वही महत्व है जो आपके वाहन में ब्रेक का महत्व होता है, घोड़े की लगाम का महत्व होता है और किसी भी जानवर की नाक में का महत्व होता है। यह संयम जीवन को सुरक्षित एवं उन्नतिसील बनाता है, संयम के माध्यम से अंतिम लक्ष्य को उसी तरह से प्राप्त किया जा सकता है। जैसे ट्रेन अपनी पटरी के माध्यम से मंजिल तक पहुंच जाती है। यदि पतंग में डोरी ना हो तो वह पतंग आकाश की ऊंचाइयों को नहीं छू सकती।

आचार्य श्री ने आगे कहा कि संयम आत्मा के गुणों को प्रकट करने वाला है, संयम आत्मा मैं विद्यमान पापों को नष्ट करने वाला है, संयम अध्यात्म वैभव को दिलाने वाला है, संयम दुखों की होली जलाने वाला है, संयम विकलांग व्यक्ति के लिए वैशाखी तरह से होता है तथा ट्रेन के लिए हरी व लाल झंडी की तरह से होता है, निसंदेह ही संयम इस आत्मा के लिए सुनिश्चित गति देने वाला है। संयम के बिना जीवन पशु की तरह से होता है, इसमें कोई संशय नहीं है। वर्षायोग समिति के मीडिया प्रभारी राज जैन तथा अजय जैन बजाज ने बताया की पर्युषण पर्व पर शायकालीन सभा में आचार्य श्री की महाआरती में हजारों भक्त शामिल रहे।

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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