-मुआवजा में असमानता को लेकर पीड़ित व ग्रामीण सचिवालय में धरने पर बैठे
शिकोहाबाद। पटाखा गोदाम में हुए विस्फोट के बाद शनिवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने गांव का दौरा किया और मृतकों के स्वजनों से मिल कर उन्हें सांत्वाना दी और आर्थिक सहायता के स्वीकृति पत्र प्रदान किये। लेकिन मंत्री ने इस दौरान अन्य पीड़ित स्वजनों और घटना स्थल पर नहीं गए, जिसको लेकर पीड़ित स्वजनों और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। रविवार सुबह आठ बजे पीड़ित स्वजन ग्रामीणों के साथ सचिवालय में ही बैनर लगा कर धरने पर बैठ गये। इस दौरान पीड़ित परिवार की महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की।
रविवार सुबह आठ बजे नौशहरा गांव एक बार पुनः सुर्खियों में आ गया। विस्फोट में प्रभावित हुए स्वजनों की महिलायें और पुरुष मुआवजा की धनराशि को बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। मृतक इच्छा और अभिनव की मां गायत्री की मांग है कि उसके स्वजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और मकान बनवा कर सरकार दे। वहीं घायल राकेश की पुत्रवधू भावना का कहना है कि उसकी शादी हुए अभी पांच माह ही बीते हैं। उसके ऊपर इतना बड़ा गमों का पहाड़ टूट पड़ा। उसका देवर और ससुर दोनो गंभीर रूप से घायल हो गये, जबकि उसका पूरा मकान जमींदोज हो गया। उसके पास पहनने के लिए कपड़े तक नहीं हैं।
रविवार को सुबह वह अपने मायके से कपड़े पहन कर सचिवालय पहुंची है। महिलाओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की। पीड़ित स्वजनों का कहना है कि जैसे सरकार अपराधियों की संपत्ति को जब्त करती है और उनसे क्षतिपूर्ति की भरपाई करती है। उसी तर्ज पर पटाखा लाइसेंस धारी आरोपित भूरे खां उर्फ नवीउद्दीन एवं मकान स्वामी प्रेमसिंह की संपत्ति को जब्त कर जितने लोगों के घर ध्वस्त हुए हैं, उन्हें बनवाया जाए।
इस दौरान ललिता, सीता देवी, सियादेवी, राजकुमारी, जगदीश, विवेक कुमार, घायल संजना, संजू, गायत्री, साधना सहित लगभग दो दर्जन ग्रामीण एवं पीड़ित उपस्थित रहे। सभी की एक ही मांग थी कि पहले हमें हमारा आसियाना मुहैया कराया जाए।