ज़ेरोधा खाता बंद करने पर नितिन कामथ का त्वरित उत्तर – एक नई सोच

“मुझे अपना ज़ेरोधा खाता हटाना है” – बेंगलुरु के टेक विशेषज्ञ को नितिन कामथ का त्वरित उत्तर
जब बेंगलुरु के एक प्रोडक्ट मैनेजर सचिन झा की पत्नी ने एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक में नौकरी ज्वाइन की, तो उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि यह फैसला उन्हें ज़ेरोधा छोड़ने के लिए मजबूर कर देगा। लेकिन उनके बैंक के अनुपालन नियम स्पष्ट थे –
“सभी ज़ेरोधा खाते बंद करें। वे ‘विश्वसनीय ब्रोकर’ नहीं हैं।”
समस्या क्या थी?
ज़ेरोधा के पास कोई भौतिक बैंक टैग नहीं था, और यह उस बैंक के लिए जोखिम संकेत (रेड फ्लैग) पैदा कर रहा था। लेकिन सचिन झा चुपचाप अपना खाता बंद करने को तैयार नहीं थे। उन्होंने ज़ेरोधा के सीईओ नितिन कामथ को एक आखिरी ईमेल लिखा – न कि किसी उम्मीद के साथ, बल्कि जिज्ञासा से।
10 मिनट बाद, कामथ ने जवाब दिया।
लेकिन यह सिर्फ़ एक साधारण उत्तर नहीं था। यह एक क्रैश कोर्स था कि $2 बिलियन की कंपनी अपने ग्राहकों के लिए कितनी समर्पित हो सकती है।
कामथ का जवाब – तुरंत एक्शन!
सचिन झा ने बाद में लिंक्डइन पर लिखा कि,
“एक प्रोडक्ट मैनेजर नर्ड के रूप में, मुझे ज़ेरोधा का सहज (इंट्यूटिव) UI बहुत पसंद था। लेकिन बैंक के नियम मेरी पसंद से ज़्यादा ताकतवर थे।”
उन्होंने आधे मन से कामथ को एक ईमेल भेजा, उम्मीद थी कि कोई जवाब नहीं मिलेगा। लेकिन 10 मिनट के अंदर नितिन कामथ ने जवाब दिया – और उनकी टीम ने तुरंत काम करना शुरू कर दिया।
उन्होंने अनुपालन अंतर (compliance gap)को तुरंत स्वीकार किया:
“हम इस मुद्दे को बैंकों के साथ ठीक कर रहे हैं।”उन्होंने सचिन झा से उनकी पत्नी के नियोक्ता (बैंक) को इस मामले में सीधे संवाद में मदद करने को कहा।
उन्होंने संस्थागत विश्वास (Institutional Trust) बनाने की अपनी रणनीति साझा की – और बताया कि ज़ेरोधा इस दिशा में पहले से ही काम कर रहा है।
झा ने माना, “मैंने फिर भी अपना खाता बंद कर दिया।”
“लेकिन उन्होंने जीवन भर के लिए मेरा विश्वास जीत लिया।”
ज़ेरोधा की ‘नो-बैंक’ स्थिति – एक दोधारी तलवार
ज़ेरोधा का डिजिटल-ओनली मॉडल इसकी सबसे बड़ी ताकत और सबसे बड़ी चुनौती भी है।
✔ यह तेजी से बढ़ा और दुबला-पतला (lean) ऑपरेशन बनाए रखा।
❌ लेकिन भौतिक बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की अनुपस्थिति संस्थागत भरोसे के लिए एक बाधा बनी हुई है।
नितिन कामथ खुद इस अंतर को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं।
💡 डिजिटल ट्रेडिंग और छोटे निवेशकों के लिए, यह शानदार है।
⚠ लेकिन, बड़े वित्तीय संस्थानों, लोन और वेल्थ मैनेजमेंट के लिए, एक भौतिक उपस्थिति ज़रूरी होती है।
क्या ज़ेरोधा बैंकिंग लाइसेंस लेगा?
फिलहाल, ज़ेरोधा का बैंकिंग सेक्टर में आने का कोई इरादा नहीं है।
कामथ ने नियामक जोखिम (Regulatory Risks) को इसकी बड़ी बाधा बताया है।
फिलहाल, ज़ेरोधा साझेदारियों (Partnerships) के जरिए विस्तार कर रहा है – जैसे कि स्मॉलकेस जैसे प्लेटफॉर्म के साथ। और यह अपनी ऑपरेशनल एफिशिएंसी (Operational Efficiency)पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।