-नोडल अधिकारी ने शुक्रवार शाम को किया था कोचिंगों का निरीक्षण
शिकोहाबाद। दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर में आगजनी की घटना के बाद से शासन ने बेसमेंट में संचालित कोचिंगों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाबजूद कुछ संचालक नियमों को ताक पर रखते हुए कोचिंगों को बेसमेंट में संचालित कर रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने बेसमेंट में संचालित कोचिंग को बंद कराने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किये हैं। यह अधिकारी कोचिंग का निरीक्षण कर उन्हें नोटिस थमा रहे हैं।
नगर के एटा चैराहा स्थित मां सरस्वती शारदे कोचिंग सेंटर पर शुक्रवार शाम चार बजे के करीब पहुंचे। यह कोचिंग बेसमेंट में संचालित हो रही थी। शिक्षक शैलेंद्र सिंह फिजिक्स और गणित की कोचिंग पढ़ा रहे थे। कोचिंग में 36 छात्र-छात्राएं बैठे हुए थे। जब नोडल अधिकारी प्रमोद कुमार प्रधानाचार्य जीआईसी इंटर कॉलेज नसीरपुर ने संचालक से रजिस्ट्रेशन दिखाने के लिए कहा तो वह नहीं दिखा सके।
इसके बाद उन्होंने कोचिंग के अंदर अन्य मानक भी पूरे नहीं मिले। इसके बाद नोडल अधिकारी ने उक्त कोचिंग संचालक को कोचिंग को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिये हैं। वहीं इसके बाद एटा रोड स्थित प्रतीक कोचिंग पोइंट पर पहुंचे। यहां कोचिंग संचालक अंकुर कुमार कोचिंग पढ़ाते हुए मिले। जैसे ही उन्हें जानकारी हुई कि नोडल अधिकारी जांच को आए हैं, तो संचालक कोचिंग छोड़ कर भाग गये।
कोचिंग में 62 छात्र-छात्राएं पढ़ते हुए मिले। जब छात्र-छात्राओं से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह सभी कक्षा 12 के छात्र हैं और रसायन विज्ञान की कोचिंग ले रहे हैं। नोडल अधिकारी ने पाया कि कोचिंग में किसी प्रकार का कोई मानक नहीं थी। बच्चों की जिंदगी को दांव पर लगा कर यह कोचिंग संचालित हो रही थी। उन्होंने दोनों कोचिंग संचालकों को तत्काल कोचिंग बंद करने व पंजीकरण कराकर मानकों को ध्यान में रखते हुए संचालन को कहा है।