पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने बयान के कारण विवादों में

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हाल ही में अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और उनकी आलोचना की जा रही है। शरीफ, जो अक्सर अपने उत्साही भाषणों के लिए जाने जाते हैं, ने एक सार्वजनिक सभा के दौरान ऐसा दावा कर दिया, जिससे उनकी छवि प्रभावित हो सकती है।
शहबाज शरीफ का विवादित बयान
डेरा गाजी खान की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, शहबाज शरीफ ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा,
“अगर पाकिस्तान अर्थव्यवस्था और विकास के मामले में भारत से आगे नहीं निकल पाया, तो मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं रहेगा।”
उनका यह बयान देते समय उनका जोश चरम पर था। मंच पर उनकी ऊर्जा देखते ही बन रही थी—वह अपनी मुट्ठी हवा में लहरा रहे थे, जोर-जोर से मेज पर हाथ मार रहे थे और कभी-कभी मंच पर उछलते भी दिखे।
नवाज शरीफ की कसम और पाकिस्तान को आगे बढ़ाने का संकल्प
अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए, शरीफ ने कहा,
“हम पाकिस्तान में स्थिति सुधारने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। सर्वशक्तिमान हमेशा पाकिस्तान को आशीर्वाद देता रहा है।”
हालांकि, अपने बयान में जोश लाते हुए उन्होंने आगे कहा,
“मैं नवाज शरीफ का प्रशंसक हूं, उनका अनुयायी हूं। आज मैं उनके धन्य जीवन की कसम खाता हूं कि जब तक मुझमें ऊर्जा और इच्छाशक्ति है, हम पाकिस्तान को महान बनाएंगे और भारत को पीछे छोड़ देंगे।”
सोशल मीडिया पर आलोचना और मजाक
शहबाज शरीफ के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हुई। कई लोगों ने इसे “खोखले दावे” और “बड़े-बड़े वादे” करने की राजनीति बताया। ट्विटर (अब X) पर कई उपयोगकर्ताओं ने उनका मजाक उड़ाते हुए मीम्स और वीडियो शेयर किए।
भारत से बातचीत या प्रतिस्पर्धा?
दिलचस्प बात यह है कि कुछ ही दिन पहले, शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की अपील की थी। लेकिन अब उन्होंने एक अलग ही रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को भारत से आगे निकालने का आह्वान किया।
भारत ने इस पर स्पष्ट रूप से कहा है कि “बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।” भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान को पहले अपनी धरती से आतंकवाद खत्म करना होगा, तभी कोई सार्थक वार्ता हो सकती है।
आर्थिक संकट और राजनीतिक दबाव
शहबाज शरीफ का यह दौरा लोगों को यह आश्वस्त करने के लिए था कि उनकी सरकार आर्थिक और सामाजिक चिंताओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी घोषणा की।
लेकिन पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और अंतरराष्ट्रीय ऋण के भारी बोझ तले दबा हुआ है। इस स्थिति में, शरीफ के इस प्रकार के दावे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश माने जा रहे हैं।