फिरोजाबाद। साहित्य सृजन संस्था के तत्वावधान में शनिवार को हरिप्यारी कुबेर शिशुशाला के संस्थापक स्व. नेत्रपाल सिंह यादव की आठवीं पुण्यतिथि पर स्कूल के सभागार में एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर कार्यक्रम में शमा बाँध दिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ धीरीसिंह बौद्ध और मुख्य अतिथि डॉ रामसनेही लाल शर्मा श्यायावर ने माँ सरस्वती और स्व. नेत्रपाल सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विजेन्द्र सिंह बघेल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम को गति प्रदान की। तदुपरांत कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ प्रस्तुत कर समा बाँध दिया।
धीरीसिंह बौद्ध ने बुजुर्गों के आशीर्वाद के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हीन भाव अरु निरुत्साह जीवन का दमन करें, दिये गये पुरुखों के पथ पर आओ गमन करें। कष्टों से लड़कर जीने की मिली नसीहत, उनके पावन स्मृति के दिन पर पुनि-पुनि नमन करें। वहीं लूट-खसोट में लिप्त भ्रष्टाचारियों पर प्रहार करते हुए कवि विजेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि अंगुलिमाल की तरह लूट-खसोट, नरसंहार में लिप्त अपना पथ भ्रष्ट मत कीजिए। बुद्ध रूपी आलोक की किरण को तलाशकर जीवन का फिर से नव सृजन कीजिए।
रामसनेही लाल शर्मा यायावर ने पीपल की छाँव को बुजुर्गों के आशीर्वाद सरीखा बताते हुए कहा कि छाँव चाहिए तो द्वारे के पीपल को कटने मत देना, घर के आँगन से पुरखों के चिन्ह कभी मिटने मत देना, बड़ा कठिन जीवन का पथ है जलते रेगिस्तान मिलेंगे, सिर से माँ की आशीषों का हाथ कभी हटाने मत देना। कार्यक्रम का सफल संचालन हास्य कवि मनोज राजताली ने अपनी विशिष्ट शैली से श्रोताओं को गुदगुदाते हुए किया।