समीर अरोड़ा बोले – ‘ट्रंप के जरूरी सुधार अल्पकालिक तकलीफ देंगे, लेकिन वित्तीय पतन को रोकेंगे’

समीर अरोड़ा का बयान: ‘बहुत जरूरी सुधार से तकलीफ हो सकती है, लेकिन यह वित्तीय पतन को टालेगा’
हेलियोस कैपिटल के संस्थापक और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा ने हाल ही में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधार अत्यंत आवश्यक हैं, भले ही वे अल्पकालिक या मध्यम अवधि में कठिनाइयाँ पैदा करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रंप की नीतियाँ अमेरिका के दीर्घकालिक वित्तीय स्वास्थ्य को स्थिर करने में मदद करेंगी।
पुरानी किताब से मिला नया दृष्टिकोण
अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ‘Empire of Debt: The Rise of an Epic Financial Crisis’ नामक पुस्तक दोबारा पढ़ी, जिसे उन्होंने पहली बार लगभग 15-20 साल पहले पढ़ा था। इस पुस्तक में अमेरिका के कर्ज-आधारित आर्थिक मॉडल को लेकर जो चेतावनियाँ दी गई थीं, वे आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
उनका मानना है कि ट्रंप की नीतियाँ इस किताब के मूल संदेश को प्रतिबिंबित करती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के ये आर्थिक कदम अनावश्यक सैन्य हस्तक्षेप कम करने, सहयोगी देशों से अधिक वित्तीय योगदान प्राप्त करने और घरेलू प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में हैं।
अमेरिका के वित्तीय संकट को रोकने की कोशिश
बिल बोनर और एडिसन विगिन द्वारा लिखित इस पुस्तक में कहा गया था कि अमेरिका की ऋण पर अत्यधिक निर्भरता अंततः एक बड़े वित्तीय संकट का कारण बन सकती है। पुस्तक यह भी तुलना करती है कि कैसे रोम और ब्रिटिश साम्राज्य अपने अत्यधिक वित्तीय विस्तार और सैन्य बोझ के कारण ढह गए थे।
अरोड़ा ने कहा कि ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति इसी खतरे को कम करने का प्रयास कर रही है। इसमें शामिल हैं:
- व्यापारिक भागीदारों पर टैरिफ लागू करना
- नाटो सहयोगियों से अधिक वित्तीय योगदान की मांग
- घरेलू रोजगार और विनिर्माण को प्राथमिकता देना
अल्पकालिक कष्ट, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता
अरोड़ा ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा –
“ट्रंप आवश्यक वित्तीय सुधार कर रहे हैं, जिससे अल्पकालिक या मध्यम अवधि में कठिनाई हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह आर्थिक पतन को रोकने के लिए जरूरी है।”
उनका मानना है कि अगर यह सुधार नहीं किया गया, तो अमेरिका की वित्तीय व्यवस्था अपने ही भार तले ढह सकती है। ट्रंप की नीतियाँ इस पतन को टालने का एक प्रयास हैं, ताकि अमेरिका अपने आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभुत्व को स्थायी बना सके।