शिकोहाबाद: होली मिलन समारोह एवं काव्य संध्या संपन्न

शिकोहाबाद। नगर में होली मिलन समारोह एवं काव्य संध्या का रंगारंग आयोजन कवि. शायर आलोक भदौरिया अर्श के आवास पर संपन्न हुआ। जिसमें गीतकार एवं साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चिरयुवा वयोवृद्ध कवि कृपा शंकर शर्मा शूल ने की। संचालन हास्य व्यंग्य कवि प्रशांत उपाध्याय ने किया। युवा गीतकार प्रेम स्वरूप पारस ने माँ वाणी की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने उत्कृष्ट गीत का सस्वर पाठ करते हुए कहा -साथ मेरे मिलन का सफर कीजिए,जिंदगी प्रेम गीतों में रँग लीजिए। पेशे से शिक्षक और श्रेष्ठ कवि डॉ निर्दोष कुमार प्रेमी ने कई गजलें पढ़ीं। इस मुहब्बत की वजह से पूछिए। ऐसा क्या है जो हमें हासिल नहीं है।
काव्य संध्या के संयोजक और बेहतरीन गजलकार आलोक भदौरिया अर्श ने पंक्तियां पढ़ीं-होली अलग-अलग आयाम गढ़ती है। कहीं रँग तो कहीं लाठी पड़ती है। अध्यापक और कवि सत्यदेव पांडे ने शिक्षाप्रद दोहे पढ़े। बिना यदि नर हुआ जीवन कटी पतंग। बिना महावत धरा पर जैसे फिरे मतंग। देश के चर्चित व्यंग्यकार और कई पुरस्कारों से सम्मानित कवि अरविंद तिवारी की सुखद उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमामई बना दिया। हास्य कवि एवं वाह वाह क्या बात है फेम अनिल बेधड़क अपनी रचनाओं से खूब गुदगुदाया। विद्युत विभाग से सेवानिवृत कवि अरविंद सक्सेना ने कई मुक्तक और दोहे पढ़े।
आचार्य उत्तम सिंह उत्तम ने होली के संदर्भ में निम्न पंक्तियां पढ़ीं। युवा गीतकार और इंजीनियर प्रतीक संघर्षी ने निम्न पंक्तियां पढ़कर कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए। शांतनु शर्मा और शशांक शर्मा ने अपनी रचनाओं से ओज, प्रेम और हास्य व ठिठोली के विविध रँग बरसाए। शायर गिरीश फलक, कवि डॉ कप्तान सिंह संघर्षी, प्रशांत उपाध्याय, कृपा शंकर शर्मा शूल, विजय कुमार गुप्ता, भुवनेश उपाध्याय, प्रतीक राजपूत, सौरभ कुमार आदि उपस्थित रहे।