श्रीकांत बोला: शार्क टैंक इंडिया के नए जज की प्रेरणादायक कहानी

श्रीकांत बोला: शार्क टैंक इंडिया के नए जज की प्रेरणादायक कहानी
भारत के सबसे पसंदीदा बिजनेस रियलिटी शो, शार्क टैंक इंडिया ने भारतीय टेलीविजन और उद्यमिता की दुनिया में क्रांति ला दी है। अपने चौथे सीज़न में यह शो अब एक नए जज का स्वागत कर रहा है – श्रीकांत बोला। वह एक प्रेरणादायक उद्यमी हैं, जिनकी कहानी संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल है।
श्रीकांत बोला का शार्क टैंक इंडिया में स्वागत
हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, श्रीकांत बोला ने अपने साथी जजों के साथ एक तस्वीर साझा की। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “शार्क के एक समूह से बचने के लिए, आपको खुद एक शार्क बनना पड़ता है।”
उन्होंने इस मौके के बारे में कहा, “मुझे शार्क टैंक इंडिया में शार्क बनने का अवसर मिला। सेट पर रहकर महसूस हुआ कि सपने केवल सोचने वालों के लिए नहीं होते, बल्कि उन्हें पूरा करने वालों के लिए होते हैं। पैनल में इन सफल उद्यमियों से मिलकर बहुत मज़ा आया और जो पिचें प्रस्तुत की गईं, वे काफी प्रेरणादायक थीं। हवा में नवाचार की महक थी!”
भारत में उद्यमिता का बढ़ता प्रभाव
श्रीकांत ने शार्क टैंक इंडिया के योगदान को सराहते हुए कहा कि इस शो ने भारत में उद्यमिता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में साथी जजों @chiragnakrani.official, @anupammittal.me, @namitathapar, @jeet_adani1 और @boatxaman को धन्यवाद दिया।
उन्होंने लिखा, “आपके समर्थन और प्रेरणा ने मेरी आग को और प्रज्वलित किया है।”
श्रीकांत ने भारतीय युवाओं को संदेश देते हुए कहा, “अपने विचार के बारे में सिर्फ़ न सोचें, उस पर अमल करें, नहीं तो कोई और करेगा!”
श्रीकांत बोला: संघर्ष से सफलता तक की यात्रा
जन्म और प्रारंभिक जीवन:
श्रीकांत बोला का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। वे जन्म से ही दृष्टिबाधित थे, जिससे उन्हें शिक्षा प्राप्त करने में कई कठिनाइयाँ झेलनी पड़ीं। उन्होंने अपनी 12वीं की परीक्षा में 98% अंक प्राप्त किए, लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला।
शिक्षा और उपलब्धियाँ
अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर, श्रीकांत ने MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में दाखिला लिया और प्रबंधन विज्ञान की पढ़ाई करने वाले पहले दृष्टिबाधित छात्र बने।
उन्होंने लीड इंडिया 2020 आंदोलन में भाग लिया, जिसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने शुरू किया था। 2011 में, उन्होंने समन्वय सेंटर फॉर चिल्ड्रन विद मल्टीपल डिसेबिलिटीज की स्थापना की और विकलांग छात्रों के लिए ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस शुरू की।
2017 में, उन्हें फोर्ब्स एशिया 30 अंडर 30 सूची में शामिल किया गया।
बोलेंट इंडस्ट्रीज की स्थापना
2012 में, श्रीकांत ने बोलेंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की। यह कंपनी रतन टाटा द्वारा वित्तपोषित है और यह पुनर्नवीनीकरण कागज, पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग और डिस्पोजेबल उत्पाद बनाती है।
कंपनी का एक मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को रोजगार देना भी है।
बॉलीवुड से जुड़ाव
श्रीकांत बोला की जीवन यात्रा इतनी प्रेरणादायक रही है कि बॉलीवुड में उनकी बायोपिक बनने जा रही है। इस फिल्म में अभिनेता राजकुमार राव मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।