फिरोजाबाद: बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने की अनूठी पहल

-सीएमओ ने किया “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम का शुभारम्भ
फिरोजाबाद। शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने को लेकर जनपद में एक अनूठी पहल की गयी है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल-इंडिया (पीएसआई-इंडिया) और केन्व्यू संस्था के सहयोग से “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम का बृहस्पतिवार को एक स्थानीय होटल में भव्य शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामबदन राम ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर सीएमओ ने कहा कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों की कुल मौत का एक प्रमुख कारण डायरिया भी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पर नियंत्रण के लिए दस्तक अभियान के तहत घर-घर जाकर समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम से इसको और बल मिलेगा।
इसके तहत मिशन मोड में काम करते हुए आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम और महिला आरोग्य समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके माध्यम से उन्हें डायरिया (दस्त) की सही पहचान और बचाव के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए मीडिया के हर प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हुए डायरिया के लक्षण, कारण और नियन्त्रण सम्बन्धी संदेश जन-जन में प्रसारित किया जाएगा। इसके लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री अस्पतालों के प्रमुख स्थलों पर प्रदर्शित की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीएसआई इंडिया को भरोसा दिलाया कि जनपद में कार्यक्रम को सफल बनाने की हरसम्भव कोशिश की जाएगी। पीएसआई-इंडिया के प्रोग्राम निदेशक हितेश साहनी और स्टेट हेड अमित कुमार ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर को जल्दी से जल्दी डायरिया के प्रमुख कारणों के बारे में प्रशिक्षित करने के साथ ही ओआरएस की महत्ता, काउंसिलिंग के प्रमुख बिंदुओं, शीघ्र स्तनपान और छह माह तक सिर्फ स्तनपान के फायदे के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. फारूक ने कहा कि यदि डायरिया की शुरुआत में ही पहचान कर ओआरएस का घोल दिया जाए, तो गंभीर स्थिति तक पहुँचने से बच्चे को बचाया जा सकता है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक एसोसिएशन के जिला सचिव डॉ. विवेक अग्रवाल और अध्यक्ष डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा कि शिशु को जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराया जाए और छह माह तक बच्चे को मां के दूध के अलावा कोई भी बाहरी चीज न दें, यहाँ तक की पानी भी नहीं।
इस मौके पर जसराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल उपाध्याय, डॉ.कृति, डॉ.प्रियंका, डीसीपीएम रवि कुमार, जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार प्रदीप कुमार आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने के बारे में जरूरी सुझाव दिए। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. योगेश कुमार गोयल ने डायरिया के प्रति जागरूकता पर बल दिया।