गाँव के छात्रों के यूपी सरकार का तोहफा 2025 | मिलने वाली है शानदार सुविधा



उत्तर प्रदेश के गांवों में रहने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण बच्चों की शिक्षा को डिजिटल युग से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। सरकार ने प्रदेश के 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की योजना की घोषणा कर दी है। पहले चरण में ही सरकार 454 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी, जिससे गांव-गांव में छात्रों के लिए आधुनिक शैक्षिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

इस योजना के तहत, प्रत्येक ग्राम पंचायत में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना पर 4 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। ये डिजिटल लाइब्रेरी पंचायत भवनों में बनाई जाएंगी, जहां दो कमरे और एक हॉल होगा। इन लाइब्रेरी में छात्रों को न सिर्फ अपने कोर्स की किताबें पढ़ने को मिलेंगी, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी ई-बुक्स, ऑडियो-वीडियो लेक्चर, क्विज़ और अन्य अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध होगी।

डिजिटल लाइब्रेरी के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट कनेक्शन, स्मार्ट टीवी और आधुनिक फर्नीचर खरीदा जाएगा। साथ ही, छात्रों के लिए बाल साहित्य, प्रेरणादायक पुस्तकें, सामान्य ज्ञान और मनोरंजक पठन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। पंचायती राज विभाग और नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) के सहयोग से इन लाइब्रेरी में किताबें और ई-बुक्स खरीदी जाएंगी, ताकि ग्रामीण छात्रों को गांव में ही बेहतरीन शिक्षा मिल सके।

इस पहल के सुचारू संचालन के लिए ग्राम पंचायत के प्रधान और सचिव की देखरेख में सहायक अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि डिजिटल लाइब्रेरी का रखरखाव और सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके। छात्रों को अपनी पसंद की किताबें और अध्ययन सामग्री आसानी से मिल सके, इसके लिए एक सुव्यवस्थित प्रबंधन तंत्र भी बनाया जा रहा है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ना और उन्हें आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराना है। इससे गांव के बच्चों को महंगी किताबों और अध्ययन सामग्री की तलाश में शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। वे अपने गांव में ही रहकर एनसीईआरटी, यूपीएससी, यूपीटीईटी, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

अगले चरण में, उत्तर प्रदेश की और 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएंगी। इस तरह दो चरणों में कुल 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएंगी, जिससे प्रदेश के हर गांव के छात्रों को शिक्षा के बेहतर संसाधन मिल सकेंगे

इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और छात्रों को डिजिटल युग के अनुरूप शिक्षा मिल सकेगी। यह योजना गांव के बच्चों के लिए एक नई उम्मीद और संभावनाएं लेकर आई है, जिससे वे आत्मनिर्भर और सफल बन सकेंगे।

क्या डिजिटल लाइब्रेरी में केवल किताबें ही उपलब्ध होंगी या कुछ और भी सुविधाएं होंगी

डिजिटल लाइब्रेरी में केवल किताबें ही नहीं, बल्कि कई अन्य उपयोगी सुविधाएं और सामग्री भी उपलब्ध होंगी। डिजिटल लाइब्रेरी में आपको पुस्तकों के डिजिटल संस्करण, लेख, छवियां, वीडियो लेक्चर, ऑडियो किताबें, मल्टीमीडिया कंटेंट, क्विज़, सामान्य ज्ञान और प्रेरणादायक सामग्री मिल सकती है। इन सभी संसाधनों को आप कंप्यूटर, स्मार्टफोन या टैबलेट के जरिए इंटरनेट की सहायता से कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।

इसके अलावा, कई डिजिटल लाइब्रेरी में बच्चों के लिए बाल साहित्य, लोक कथाएं, कॉमिक्स, जीवनी, कविताएं, विज्ञान और इतिहास से जुड़ी सामग्री भी उपलब्ध होती है3। इस तरह डिजिटल लाइब्रेरी सिर्फ पढ़ाई के लिए ही नहीं, बल्कि ज्ञानवर्धन, मनोरंजन और कौशल विकास के लिए भी एक बेहतरीन माध्यम है।

Gaurav Jha
Gaurav Jha

नमस्कार, मैं गौरव झा हूँ – hnanews.co.in के लिए एक लेख लेखक और समाचार रिपोर्टर। मुझे सच्ची कहानियाँ, ताज़ा घटनाएँ और हमारे पाठकों से जुड़ी हर जरूरी बात साझा करने का जुनून है। चाहे वो ब्रेकिंग न्यूज़ हो या गहराई से लिखा गया कोई फीचर आर्टिकल, मैं हमेशा सटीक और सार्थक जानकारी देने की कोशिश करता हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि लोगों से जुड़ने, जरूरी मुद्दों को उठाने और सही जानकारी सब तक पहुँचाने का एक माध्यम है। मेरे लेख पढ़ने और समर्थन देने के लिए धन्यवाद!

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