वक्फ संशोधन विधेयक 2025: विवाद, प्रावधान और राजनीतिक बहस

वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित: जानिए इसके प्रमुख बिंदु
गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को 12 घंटे की मैराथन बहस के बाद पारित कर दिया गया। इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच आधी रात के बाद भी तीखी बहस जारी रही। अंततः सुबह 2 बजे विधेयक 288-232 मतों से पारित हो गया।
अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसे अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है। इस संशोधित विधेयक का मुख्य उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में बदलाव करना है, जिससे वक्फ संपत्तियों के नियंत्रण और प्रबंधन में संशोधन किया जा सके।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
संशोधित वक्फ विधेयक में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जिनमें कुछ विवादास्पद भी माने जा रहे हैं:
वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्य:
अब दो गैर-मुस्लिम सदस्य अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएंगे।
सरकार का दावा है कि यह पारदर्शिता और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
वक्फ को संपत्ति दान करने की शर्तें:
प्रस्तावित कानून के तहत, कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति ही वक्फ को संपत्ति दान कर सकते हैं।
सरकारी जमीन का वक्फ से स्वामित्व समाप्त:
सरकारी संपत्तियों को वक्फ घोषित करने की प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी।
ऐसी संपत्तियों का स्वामित्व स्थानीय कलेक्टर निर्धारित करेगा।
विपक्ष का विरोध और तर्क
विपक्ष ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया और इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बताया।
कांग्रेस का कहना है कि सरकार “अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और उनके अधिकार छीनने” की कोशिश कर रही है।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह विधेयक “संविधान पर हमला” है और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए विरोध जताया और कहा कि यह कानून अन्यायपूर्ण है।
सरकार का पक्ष
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक धर्म से अधिक संपत्ति और प्रबंधन से जुड़ा है।
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर लगाम:
वक्फ संपत्तियों में बड़ी संख्या में अनियमितताएँ देखी गई हैं।
इससे महिलाओं और बच्चों को मिलने वाले लाभ में बाधा आ रही थी।
नए कानून से पारदर्शिता बढ़ेगी:
भाजपा का कहना है कि यह विधेयक “सभी वर्गों की राय लेकर तैयार किया गया है” और इसे गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों का भी समर्थन प्राप्त है।
अमित शाह का बयान और संपत्तियों का खुलासा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ संपत्तियों की एक लंबी सूची पेश की और कहा कि:
✅ लुटियंस जोन (दिल्ली) में कई सरकारी संपत्तियाँ वक्फ के पास चली गईं।
✅ तमिलनाडु में 400 साल पुराने मंदिर की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया।
✅ एक पाँच सितारा होटल के लिए वक्फ को मात्र 12,000 रुपये प्रति माह पर जमीन दी गई।
✅ प्रयागराज में चंद्रशेखर आज़ाद पार्क जैसी संपत्तियों को भी वक्फ में शामिल कर दिया गया।
सरकार का दावा है कि यह विधेयक इन अनियमितताओं को समाप्त कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।