वानुअतु के प्रधानमंत्री ने ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का दिया आदेश

वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग को पूर्व इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) अध्यक्ष ललित मोदी का पासपोर्ट तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब मीडिया रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ कि भारत में वांछित भगोड़ा होने के बावजूद मोदी वानुअतु में रह रहे थे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
रिपोर्ट के अनुसार, 10 मार्च को प्रधानमंत्री नापत ने नागरिकता आयोग को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि मोदी का वानुअतु पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि वानुअतु की नागरिकता एक विशेषाधिकार है, न कि अधिकार, और मोदी की कथित आपराधिक पृष्ठभूमि नागरिकता मानकों के अनुरूप नहीं है।
प्रधानमंत्री नापत ने कहा, “मैंने नागरिकता आयोग को श्री ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।”
यह फैसला तब आया जब यह सामने आया कि न्यायिक साक्ष्य की कमी के कारण इंटरपोल ने भारत के अनुरोध पर मोदी के खिलाफ रेड नोटिस दो बार खारिज कर दिया था। इस फैसले के बाद वानुअतु में मोदी की नागरिकता को लेकर विवाद और बढ़ गया।
वानुअतु ही क्यों?
ललित मोदी, जो भारत में वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं, कथित तौर पर ओशिनिया के छोटे द्वीप राष्ट्र वानुअतु में चले गए। इसकी प्रमुख वजह यह थी कि भारत और वानुअतु के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है। इसका अर्थ यह है कि वानुअतु कानूनी रूप से मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए बाध्य नहीं है, जिससे उन्हें निर्वासन के डर के बिना वहां रहने की अनुमति मिलती है।
यह घटना वानुअतु में नागरिकता देने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कड़ी निगरानी की जा रही है।