फिरोजाबाद: अल्पसंख्यक प्रबुद्ध नागरिक संवाद कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

-वक्ताओं ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर डाला प्रकाश
फिरोजाबाद। राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गुलाब वाटिका के हॉल में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में वक्फ सुधार जन जागरण अभियान’ के अंतर्गत अल्पसंख्यक प्रबुद्ध नागरिक संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दुर्विजय सिंह शाक्य क्षेत्रीय अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी बृजक्षेत्र व बतौर विशिष्ठ अतिथि अरशद अल्वी प्रदेश मंत्री भारतीय जनता अल्पसंख्यक मोर्चा रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने उपस्थित अल्पसंख्यक समाज को वक्फ संशोधन अधिनियम पर संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि वक्फ इस्लामी कानून के अंतर्गत स्थापित एक अपरिवर्तनीय धर्मार्थ निधि है, जिसे भारत में वक्फ अधिनियम 1995 के तहत मान्यता प्राप्त है और विनियमित किया जाता है। इस शब्द में इस्लामी कानून के तहत पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ कर्म से किए गए सभी दान शामिल हैं। वक्फ बोर्ड और उनके द्वारा नियंत्रित संपत्तियां भारत में इस्लामी जीवन के महत्वपूर्ण अंग हैं। क्योंकि वह अनगिनत मस्जिदों, धार्मिक और परोपकारी संस्थाओं के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं। वक्फ की व्यवस्थापन प्रणाली बहुत दुर्बल रही है, जिसमें लगभग कोई जवाब दे ही नहीं रही। इसी कारण वक्फ अधिनियम 2025 बनाया गया है, ताकि वक्फ के शासन को सुव्यवस्था किया जा सके।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री अरशद अल्वी ने कहा कि तीन तलाक जैसे गंभीर मुद्दे इस्लाम से कतई ताल्लुक नहीं रखते हैं। कुछ राजनीतिक पार्टियों वोट बैंक की राजनीति के लिए इन सभी मुद्दों को इस्लाम से जोड़कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती हैं। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की आवश्यकता क्यों थी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए अल्वी ने कहा कि 2013 अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड न्यूनतम जांच और संतुलन के साथ एक तरफा रूप से संपत्तियों को वक्फ घोषित कर सकते थे। खास तौर पर विवादास्पद उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ प्रावधान के माध्यम से जिसके तहत केवल लंबे समय तक धार्मिक उपयोग के आधार पर संपत्तियों पर दावा करने की अनुमति दी गई थी।
इससे मनवाने ढंग से संपत्ति के दावे अतिक्रमण और सरकारी संपत्तियों को वक्फ घोषित करने सहित कई मुद्दे सामने आए। वर्तमान अधिनियम वक्फ प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने मनमाने ढंग से संपत्ति अधिग्रहण को रोकने तथा धार्मिक स्वतंत्रता और सामान्य से संबंधित संवैधानिक चिंताओं को दूर करने के लिए बनाया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं जिलाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने उपस्थित अल्पसंख्यक समाज से आए हुए समाजसेवी, प्रबुद्ध जनों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कार्यक्रम की समापन की घोषणा की।
अल्पसंख्यक प्रबुद्ध नागरिक संवाद कार्यक्रम में शहजाद खान, अंसार अहमद, अखलाक कुरेशी, आसमा बेगम, मोइनुद्दीन कुरेशी, चांद मियां, मोहम्मद असनद, कबीर कुरैशी, अशफाक हुसैन, राशिद सिद्दीकी, शमसुद्दीन, अल्ताफ अहमद, शानू मोहम्मद, वाजिद अली, अजहर, अरशद खान, तनवीर, शाहिद खान, जुनैद, जाकिर, फैजान अली, वसंत जैन, जयंत जैन, मोहम्मद जाकिर इस्लाम अली, अब्दुल अजीज, इरफान खान, पिंकी खान, इरशाद, जाहिदा बेगम, उसनिका, खुशबू, सलामत, अरशद, शब्बीर, अकबर, नौसे खान, अनिल खान, बुद्धा खान, बने खान, शानू खान, गुड्डू रंगरेज, जफरुद्दीन, मुश्ताक, शकील, रिहाना, राशिद रंगरेज, इरशाद मोहम्मद, फिदा हुसैन, रिहान, जायद, काके सरदार, प्रीतपाल सरदार, डॉ अमित गुप्ता, गद्दू जैन, सैंकी जैन, शुभम जैन, संदीप जैन, राजेश चैहान, मनप्रीत सिंह कीर, शिवशंकर शर्मा, योगेंद्र सिंह चैहान, वीरेन्द्र प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आकाश शर्मा व सचिन जैन ने किया।