पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन: भारतीय सेना को मिले सख्त कार्रवाई के आदेश

नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की आक्रामकता
10 मई 2025 को नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टर में भारतीय सीमा की ओर मोर्टार हमले और गोलाबारी शुरू कर दी। इस हमले का निशाना सीमावर्ती गांवों के नागरिक और भारतीय सेना की चौकियां थीं, जिससे जान-माल को गंभीर खतरा पैदा हो गया। भारतीय सैनिकों ने प्रतिक्रिया में नियंत्रित जवाबी कार्रवाई की, लेकिन विदेश मंत्रालय ने इसे पाकिस्तान की शांति विरोधी मानसिकता बताया।
विदेश मंत्रालय का स्पष्ट संदेश
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना को अंतरराष्ट्रीय नियमों की अवहेलना और नागरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, हमारी सेना को हर प्रकार की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने का निर्देश दिया गया है। पाकिस्तान को अपनी उकसावे की नीति तुरंत बंद करनी चाहिए।
तनाव का पृष्ठभूमि और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
नियंत्रण रेखा पर यह घटना फरवरी 2021 के युद्धविराम समझौते के बाद की सबसे गंभीर झड़पों में से एक है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। वहीं, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि कश्मीर पर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सीमा पर रह रहे नागरिकों ने इस हमले के बाद डर और असुरक्षा की भावना जताई। राजौरी के एक शिक्षक ने कहा, हमारे बच्चे स्कूल जाते समय भी गोलाबारी के डर से सहमे रहते हैं। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
सैन्य तैयारी और अंतरराष्ट्रीय दबाव
भारतीय सेना ने सीमा पर तैनाती बढ़ाकर सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारत की रणनीति में संयम और ताकत का संतुलन शामिल है। वहीं, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है।