फिरोजाबाद: नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर सरस काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन



फिरोजाबाद। साहित्यिक चेतना के संवर्धन और नव संवत्सर के स्वागत हेतु साहित्य सृजन संस्था (पंजी.) के तत्वावधान में गीता भवन, गोपाल आश्रम में एक भव्य सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

गोष्ठी का शुभारंभ सरोज सौदामिनी द्वारा मधुर सरस्वती वंदना से हुआ। जिसने वातावरण को आध्यात्मिक आभा से आलोकित कर दिया। इसके पश्चात के.के. सिंह आमद साधुपुरी ने अपनी मार्मिक कविता संवेदना का गीत प्रस्तुत करते हुए समाज की पीड़ा को इन शब्दों में व्यक्त किया। चाँद रोता है होता मर्डर देखकर, तारों का दिल दुखी है गटर देखकर। सूर्य का भी न होता है उगने का मन, देखता है पड़ा रेप का जब वो तन।

कुलदीप शुक्ला ने जीवन की अनिश्चितताओं और बदलते परिवेश को अपने शब्दों में पिरोया। कभी-कभी बदलती रही ये दुनियाँ थी, अपने जज्बात में टलती रही ये दुनियाँ थी। सरोज सौदामिनी ने भारतीय संस्कृति और नारी शक्ति का चित्रण इन पंक्तियों में किया। मंत्र पूजा हवन को भजन कह दिया, ध्यान भटके नहीं मन मगन कह दिया। घर की तुलसी बनी शक्ति का रूप है, बेटियों को पराया रतन कह दिया।

वहीं कवि हरीशंकर बदन, मृदुल माधव पाराशर प्रियाचरण उपाध्याय, प्रवीन राजपूत, रामकिशोर राजौरिया, कल्पना राजौरिया, डॉ. निधि गुप्ता, अतर सिंह प्रेमी आदि ने अपनी रचनाओं के माध्यम से कार्यक्रम में चार-चाॅद लगा दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे योगेश चंद्र पलिया औघड़ ने नव संवत्सर के नवीन संकल्पों और सामाजिक समरसता पर बल दिया।

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Praveen upadhyay
Praveen upadhyay

प्रवीण उपाध्याय एक जाने-माने संवाददाता हैं, जो अपनी निष्पक्षता और सटीक रिपोर्टिंग के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी पत्रकारिता में हमेशा सच्चाई और निष्पक्षता की प्रमुखता रही है, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग कर दर्शकों को विश्वसनीय जानकारी प्रदान की है। उनके समर्पण और मेहनत से हना न्यूज की पहचान और भी मजबूत हुई है।

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