फिरोजाबाद: गागर में सागर पार्ट-2 पुस्तक का हुआ विमोचन

फिरोजाबाद। रामचंद्र पाॅलीवाल हाॅल में आयोजित अग्र भागवत कथा में कथा व्यास प्रमोद कृष्ण ने अग्रोहा राज्य की स्थापना एवं माता महालक्ष्मी के प्रसंग का मनमोहक वर्णन किया। कार्यक्रम में समाजसेवी कुलदीप मित्तल एडवोकेट द्वारा संकलित की गई गागर में सागर पार्ट-2 पुस्तक का विमोचन राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग द्वारा किया गया।

अग्र भागवत कथा में आचार्य प्रमोद कृष्ण ने माता महालक्ष्मी द्वारा की गई तपस्या का वर्णन करते हुए कहा कि किस तरह अग्रोहा राज्य का निर्माण करके समाजवाद लागू किया। उनके राज्य में जो भी व्यक्ति आता था, उसको प्रत्येक घर से एक रुपया, एक ईंट दी जाती थी। ईंट से वह मकान बना लेता था और रूपयों से व्यापार करके सभी निवासियों के बराबर बना रहता था। आचार्य श्री ने नागलोक में युद्ध, अग्रसेन माधवी के विवाह की भी विस्तृत कथा सुनाते हुए इंद्र के साथ युद्ध व इंद्र के मान मर्दन की कथा भी सुनाई।

समाजसेवी कुलदीप मित्तल एडवोकेट द्वारा संकलित एवं सम्मेलन द्वारा प्रकाशित की गई गागर में सागर पार्ट-2 पुस्तक का विमोचन सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग, भागवताचार्य आचार्य संतोष शर्मा, सीएमएस डा. नवीन जैन, राकेश अग्रवाल भट्टे वाले, पंकज अग्रवाल ज्वेलर्स एवं अन्य अतिथियो द्वारा विमोचन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अग्रोहा का बहुत ही सुन्दर तरीके से पुनर्निर्माण हो चुका है। अग्रोहा हमारी पितृ भूमि ही नहीं महालक्ष्मी व अग्रसेन की कर्मभूमि भी है। अग्रसेन केवल समाजवाद के ही नही मानवता के प्रवर्तक है।

वर्तमान में सौ करोड़ रूपए की लागत से एक विशाल महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिसमे सभी को यथासंभव सहयोग करना चाहिए। उन्होंने 24, 25, 26 दिसंबर को 18 कुंडीय यज्ञ में अग्रोहा आने की अपील की। प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश बंसल, जिलाध्यक्ष जानकी प्रसाद गर्ग, सुरेंद्र प्रकाश, कोषाध्यक्ष कुलदीप मित्तल, किशन बिहारी गर्ग, राजेश बंसल, हरी बाबू बंसल ने फिरोजाबाद की पहचान कांच की ईंट व रुपया का सुंदर प्रतीक चिन्ह और एलईडी लाइट की अग्रसेन की तस्वीर भेंट की।

इस दौरान विधायक मनीष असीजा, अजय अग्रवाल कलई, जयंती प्रसाद मित्तल, श्याम प्रताप अग्रवाल, अनिल चॉइस, राकेश नवरंग, दाऊ दयाल अग्रवाल एडवोकेट, विष्णु प्रताप अग्रवाल, सुधीर चंद्र अग्रवाल, किशोर अग्रवाल, वीना बंसल आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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