फिरोजाबाद: कौशल्या नंदन श्री राम का हुआ राज्याभिषेक, बने अयोध्या के राजा

-राज्याभिषेक होते ही जय श्रीराम के जयकारें से गूजने लगी गल्ला मंडी

फिरोजाबाद। तदर्थ प्रशासनिक सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के तत्वाधान में चल रही रामलीला में 14 वर्ष के वनवास की अवधि समाप्त कर अयोध्या वापस आने पर भगवान राम राज्याभिषेक किया गया। राजतिलक होते ही समारोह स्थल पर श्रीराम के जयकारें गुंजने लगे।

सुहागनगरी में आयोजित रामलीला में सोमवार देर रात श्रीराम का राज्याभिषेक समारोह धूमधाम से सम्पन्न हुआ। राधा कृष्ण मंदिर पर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुधन, माता सीजा और हनुमान के साथ डोले में विराजमान हुए। डोला राधाकृष्ण मंदिर प्रारम्भ होकर घंटाघर, सब्जी मंडल होते हुए गल्ला मंडी स्थित रामेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचा। जहाॅ पर श्रद्वालुओं द्वारा उनकी उत्साह के साथ अगवानी की। इसके बाद मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। इसके बाद राजगद्दी समारोह का आयोजन हुआ।

गुरू वशिष्ठ ने प्रभु श्रीराम का राजतिलक किया। उन्होनें प्रभु राम को धर्म की मर्यादा का पालन करते हुए राज चलाने का उपदेश दिया। राजतिलक होने पर भगवान राम का पुष्प वर्षा कर स्वागत कर आरती उतारी गई। वनवासी राम अयोध्या के राजा बन गउ। कौशल्या नंदन श्री राम का राजतिलक होते ही अयोध्यावासी खुशी से झूम उठे। समारोह स्थल श्रीराम के जयकारों से गुजायमान होने लगा।

इस दौरान अध्यक्ष नगर मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार, उपसभापति श्याम सिंह यादव, अमित गुप्ता, हरिओम वर्मा, विजय कुशवाह, रामनरेश कटारा, अनूप झा, नीतेश अग्रवाल, पीके पाराशर, मुन्नालाल शास्त्री, राकेश अग्रवाल, पं. वीनेश शर्मा, प्रमोद राजौरिया, सतीश चंद्र प्रजापति, आशीष दिवाकर, राहुल गुप्ता, गुडडा पहलवान आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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