अब वक्फ कानून का नया नाम ‘UMMEED’, जानिए कैसे करेगा यह काम

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 राज्यसभा से पारित: कानून का नया नाम, उद्देश्य और प्रमुख बदलाव जानें
3 अप्रैल 2025 को राज्यसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पारित कर दिया। इस विधेयक को 128 के मुकाबले 95 मतों से मंजूरी मिली। इसके साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को भी संसद की मंजूरी मिल गई है।
सरकार का दावा है कि इस कानून से गरीब, पसमांदा मुस्लिम समुदाय और मुस्लिम महिलाओं के जीवन में बड़ा सुधार आएगा।
📜 अब इस कानून का नाम होगा – “UMMEED”
UMMEED का पूरा नाम है:
Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development Act
सरकार का कहना है कि ये कानून वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा, साथ ही धार्मिक कार्यों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा।
🔍 विधेयक के प्रमुख प्रावधान
✅ वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी:
वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए स्पष्ट नियम बनाए गए हैं।
मुतवल्ली (संपत्ति प्रबंधक) की जिम्मेदारियों और अधिकारों को स्पष्ट किया गया है।
✅ चैरिटी कमिश्नर की भूमिका:
केवल निगरानी करना होगा कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन ठीक से हो रहा है या नहीं।
सरकार वक्फ मामलों में सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगी।
✅ वक्फ संपत्ति की घोषणा से पहले महिलाओं को मिलेगा उनका अधिकार:
कोई भी संपत्ति वक्फ घोषित करने से पहले महिलाओं, विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथ बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे।
🧾 वक्फ न्यायाधिकरण को मिलेगा और अधिक अधिकार
अभी 31,000 से अधिक मामले लंबित हैं, जिन्हें तेजी से निपटाने के लिए न्यायाधिकरण को सशक्त किया गया है।
अब व्यक्ति न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ दीवानी अदालत में अपील कर सकता है।
🌐 एक केंद्रीयकृत पोर्टल की व्यवस्था
वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन और प्रबंधन के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा।
इससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़ेगी।
👥 केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड की नई संरचना
🔹 केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे:
10 मुस्लिम समुदाय से (2 महिलाएं अनिवार्य)
3 सांसद, 2 पूर्व न्यायाधीश, 1 अधिवक्ता, 4 विशेषज्ञ, 2 सरकारी अधिकारी
4 से अधिक गैर-मुस्लिम नहीं होंगे
🔹 राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य:
4 मुस्लिम समुदाय से (2 महिलाएं), 1 सांसद, 1 विधायक, 2 पेशेवर, 1 सरकारी अधिकारी, 1 बार काउंसिल सदस्य
🚫 कुछ खास प्रावधान जो किए गए हैं स्पष्ट:
ASI या राष्ट्रीय स्मारक जैसी संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकता।
केवल कम से कम 5 साल से प्रैक्टिसिंग मुस्लिम ही संपत्ति वक्फ कर सकता है।
वक्फ योगदान की दर 7% से घटाकर 5% की गई है।
1 लाख रुपये से अधिक आय वाली वक्फ संस्थाओं के लिए अंकेक्षण अनिवार्य होगा।
📌 सरकार का उद्देश्य
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक किसी धार्मिक कार्य या संस्था में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि यह पारदर्शिता, न्याय और समावेशन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष इस विधेयक को लेकर भ्रांतियां फैला रहा है, जो पूरी तरह निराधार हैं।