जेवियर माइलेई: अर्जेंटीना के कट्टरपंथी सुधारवादी राष्ट्रपति

जेवियर माइलेई (Javier Milei) का नाम आज पूरी दुनिया में चर्चित है। वे सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक बन चुके हैं। अपने आक्रामक भाषणों, कट्टरपंथी आर्थिक नीतियों और पारंपरिक राजनीति के खिलाफ कड़े रुख के कारण माइलेई अर्जेंटीना और वैश्विक राजनीति में एक नया बदलाव लेकर आए हैं। 2023 के अर्जेंटीना राष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने भारी समर्थन के साथ जीत दर्ज की और देश की आर्थिक बदहाली को सुधारने का वादा किया।
जेवियर माइलेई: प्रारंभिक जीवन और करियर
जेवियर माइलेई का जन्म 22 अक्टूबर 1970 को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुआ था। वे बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखते थे और विशेष रूप से अर्थशास्त्र की ओर उनका झुकाव अधिक था। उन्होंने अर्जेंटीना के प्रमुख संस्थानों से अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की और कई वर्षों तक एक पेशेवर अर्थशास्त्री के रूप में कार्य किया।
अर्थशास्त्र और शिक्षण करियर
राजनीति में आने से पहले, माइलेई ने विभिन्न निजी कंपनियों और आर्थिक संस्थानों में बतौर अर्थशास्त्री और शिक्षक काम किया। उन्होंने कई किताबें लिखीं और फ्री-मार्केट कैपिटलिज्म (मुक्त बाज़ार पूंजीवाद) के समर्थक के रूप में अपनी पहचान बनाई। वे अक्सर टेलीविजन डिबेट्स में अपनी स्पष्ट और मजबूत विचारधारा के कारण चर्चा में रहते थे।
राजनीतिक यात्रा और राष्ट्रपति पद तक का सफर
माइलेई ने अपनी राजनीतिक यात्रा 2021 में संसद सदस्य के रूप में शुरू की, जब वे “लिबर्टेरियन” विचारधारा को लेकर राजनीति में आए। वे सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ थे और मानते थे कि अर्जेंटीना की वर्तमान आर्थिक समस्याओं का मुख्य कारण सरकारी भ्रष्टाचार और अयोग्यता है।
2023 के अर्जेंटीना राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने प्रमुख दावेदारों को हराकर जीत दर्ज की। उनके चुनाव अभियान का प्रमुख मुद्दा था सरकारी खर्चों में कटौती, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, और अर्थव्यवस्था को मुक्त बाजार के सिद्धांतों पर चलाना।
जेवियर माइलेई की प्रमुख नीतियां और विचारधारा
जेवियर माइलेई ने राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ महत्वपूर्ण नीतियां अपनाने की घोषणा की है, जिनका असर न केवल अर्जेंटीना पर बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
1. सरकारी खर्चों में भारी कटौती
माइलेई का मानना है कि अर्जेंटीना की आर्थिक समस्याओं का मुख्य कारण सरकार का अत्यधिक खर्च और भ्रष्टाचार है। वे कई सरकारी विभागों और लाभकारी योजनाओं को बंद करने की योजना बना रहे हैं।
2. डॉलर को आधिकारिक मुद्रा बनाना
अर्जेंटीना में पेसो मुद्रा की गिरती कीमत को रोकने के लिए माइलेई अमेरिकी डॉलर को आधिकारिक मुद्रा बनाने की नीति पर काम कर रहे हैं। इससे महंगाई और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने में मदद मिल सकती है।
3. सरकारी कंपनियों का निजीकरण
माइलेई चाहते हैं कि अधिकांश सरकारी कंपनियों को निजी कंपनियों को सौंप दिया जाए, जिससे अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा बढ़े और सरकारी भ्रष्टाचार कम हो।
4. टैक्स में कटौती
वे मानते हैं कि अधिक कर वसूली से व्यापार और निवेश पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए, वे टैक्स दरों को कम करने के पक्ष में हैं ताकि लोग अधिक खर्च और निवेश कर सकें।
5. श्रम कानूनों में बदलाव
माइलेई का मानना है कि वर्तमान श्रम कानून बहुत सख्त हैं और यह व्यापार के विकास में बाधा डालते हैं। वे ऐसे नियम लागू करना चाहते हैं जिससे कंपनियों के लिए नए कर्मचारियों को नियुक्त करना आसान हो जाए।
6. समाजवादी नीतियों का विरोध
जेवियर माइलेई खुद को समाजवाद विरोधी नेता मानते हैं। उनका मानना है कि समाजवाद की नीतियों ने अर्जेंटीना को आर्थिक संकट में डाल दिया है और अब देश को पूंजीवाद और उदारीकरण की ओर बढ़ना चाहिए।
जेवियर माइलेई के फैसलों को लेकर विवाद और चुनौतियां
उनकी नीतियों को लेकर अर्जेंटीना और वैश्विक राजनीति में कई विवाद खड़े हो चुके हैं। उनके विरोधी मानते हैं कि:
- सरकारी खर्च में कटौती से लाखों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।
- डॉलर को आधिकारिक मुद्रा बनाने से देश की आर्थिक संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है।
- निजीकरण से गरीबों और मध्यम वर्ग को कई सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है।
- मजदूरों के अधिकार कम करने से श्रमिकों की स्थिति खराब हो सकती है।
हालांकि, माइलेई के समर्थकों का मानना है कि उनके कठोर कदम अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत बना सकते हैं और देश को नई दिशा में ले जा सकते हैं।
जेवियर माइलेई और वैश्विक संबंध
माइलेई की नीतियों का असर न केवल अर्जेंटीना पर बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
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अमेरिका और यूरोप के साथ मजबूत संबंध
- माइलेई का झुकाव अमेरिका और यूरोपीय देशों की ओर है और वे मुक्त व्यापार और पूंजीवाद को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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चीन और रूस के साथ संबंधों में बदलाव
- माइलेई चीन और रूस के खिलाफ बयान दे चुके हैं, जिससे अर्जेंटीना के इन देशों के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
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लैटिन अमेरिका की राजनीति में बदलाव
- माइलेई का उदय लैटिन अमेरिका में दक्षिणपंथी विचारधारा को और मजबूत कर सकता है।