-रामकथा में श्रीराम के वन गमन की कथा सुन भक्तगणों के नेत्र हुए सजल
फिरोजाबाद। रामलीला मैदान मे चल रही रामकथा में कथा व्यास हरिद्वार से पधारी साध्वी डाॅ विश्वेश्वरी देवी ने राम व माता जानकी के विवाह का मनमोहक वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि राजा दशरथ चारों पुत्रों की शादी करके अयोध्या पहुंचें, तो अयोध्यावासियों ने आनंद पूर्वक उत्सव मनाया। उसी समय सबके मन में भगवान श्रीराम के राज्यतिलक की कामना जागृत हुई। किंतु किसी ने उसे प्रकट नहीे किया। उन्होंने कहा कि सुख की कोई चिंता नहीं होती, लेकिन उसका अंत अवश्य होता है। हम जीवन में केवल सुख पाना चाहते है। लेकिन फिर भी दुख जीवन में आता है। क्योंकि दुख और सुख जीवन के अभिन्न अंग है।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सुख ही चाहता है वह दुख से भी अछूता नहीं रह सकता। अयोध्यावासियों को सुख के बाद दुख का भोग अपेक्षित था। मन्थरा और कैकई के माध्यम से राम के वन गमन की पृष्ठ भूमि तैयार हुई। राजा दशरथ में सत्य का पालन करते हुए कैकई को दो वरदान दिए। वरदान में कैकई ने श्रीराम के लिए 14 वर्ष का बनवास और भरत के लिए अयोध्या का राज सिंहासन मांग लिया। भगवान श्रीराम को जब यह ज्ञात हुआ, तो वह अपने पिता और माता से आज्ञा लेकर सीता और लक्ष्मण के संग वन गमन की ओर प्रस्थान कर गये।
उन्होंने कहा कि राम का वन गमन कई दृष्टियों से देखा जा सकता है। पहला माता-पिता के वचन को निभाते हुए समस्त वैभव का त्याग करना। दूसरा अनुज भरत के लिए मातृप्रेम के दर्शन कराते हुए, तीसरा संत सेवा एवं कठोर साधना के लिए, चैथ बनवासी भील आदि जातियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु, पांचवा अनेक भूखंडो को एकजुट करके अंखड भारत बनाने हेतु, छटवां रावण का वध करने के लिए वनवास स्वीकार करना और सातवां वानर और भालूओं से मित्रता करके उन्हें सनातन धर्म से जोड़ने हेतु स्वीकार किया। भगवान राम की वन गमन की कथा सुन भक्तगणों के नेत्र सजल हो गये।
इससे पूर्व हरिद्वार से पधारी साध्वी डाॅ विश्वेश्वरी देवी ने सुहागनगरी के कांच के कारखानों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चूड़ी एवं कांच के आइटम बनने की प्रक्रिया की जानकारी ली। वहीं रचना ग्लास इंडस्ट्रीज के उद्योगपति अभिषेक मित्तल चंचल ने साध्वी विश्वेश्वरी देवी को कांच की निर्मित भगवान शिव की प्रतिमा भेंट की। इस दौरान कृष्ण मुरारी अग्रवाल, रविंद्र बंसल, रमेश बंसल, पवन कुमार सिंघल, विजय गोयल, पवन मित्तल, अशोक त्यागी, प्रदीप, आशीष, अजय बंसल आदि मौजूद रहे।