फिरोजाबाद: शिव पुराण की कथा मनुष्य को जीवन जीने का ढंग सिखाती है-पं. प्रदीप मिश्रा

फिरोजाबाद। अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि सद्गुरु, संत एवं मिस्त्री में कोई अंतर नहीं है। मिस्त्री दीवार बनाने का काम करता है। सद्गुरु एवं संत मर्यादा रूपी दीवार को खड़ी करने का काम करते हैं। मनुष्य के मन से अहंकार, मोह, माया, मादकता को दूर करने के साथ सद्गति की ओर ले जाने एवं परमात्मा की भक्ति का पुल बनाने का काम सदगुरू करते हैं।

मंगलवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र कथा सुनने का अवसर फिरोजाबाद के श्रद्धालुजनों को मिलेगा। यह खुशी की बात है। शिव की कथा तय करती है कि मनुष्य को किस ओर जाना है। यह शिव पुराण की कथा मनुष्य को जीवन जीने का ढंग सिखाती है। शिवालय जाना व भगवान शिव की कथा सुनना कठिन नहीं है। उन्होंने मैनपुरी की नर्स कौशल्या बाई का उदाहरण देते हुए समझाया कि शिव कहते हैं कि शिव की सच्चे मन से एक लोटा जल चढ़ाया और अपने कर्म के दौरान याद करते रहे तो वह भोला जरूर सुनेगा।

शिव पुराण की कथा यह नहीं कहती कि आप घर बार छोड़कर संत बन जाओ, वह कहती है कि अलमस्त होकर जिंदगी जिओ, उपवास करो न करो, दान करो पुण्य करो न करो। किसी का दिल मत दुखाओ, इससे बढ़कर संसार में कोई पूजा नहीं है। क्योंकि शिवजी हमारे खुद परिवार के साथ विराजमान हैं। वह जहां जाते हैं माता पार्वती को साथ ले जाते हैं। भजन गाया कि जैसे तेरे करम है तू वैसा ही फल पाएगा, मत बुरे करम कर बंदे..।

धूप मे बैठे श्रद्धालुजनों से कहा कि शिव बहुत निचोड़ता है, जिस प्रकार से एक कपड़ा होने वाले व्यक्ति का कपड़ों से कोई बैर नहीं होता है परंतु वह उसे निचोड़ता एवं पीटता है, क्योंकि ऐसे करने के बिना वह साफ नहीं होगा। उसी तरह मेरा भगवान शंभू औघड़दानी तुम्हें निचोड़ता है। अहंकार, अभिमान को दूर करने का काम करता है। कथा के अंत में भगवान शिव एवं पार्वती का विवाह की कथा का वर्णन किया। अंत में समापन के साथ आरती उतारी गई। इस दौरान मुख्य रूप से विनीता शर्मा, राहुल शर्मा के अलावा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।


दिवाली पर घर की सफाई के साथ खुद के अहंकार, तृष्णा की सफाई करें

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि दिवाली का त्योहार करीब है, आप सभी घर की साफ सफाई करेंगी। उसी प्रकार खुद के अंदर अहंकार, तृष्णा के साथ विकार की साफ सफाई करें। इसी के साथ घर के दरवाजे पर श्री शिवाय नमस्तुभ्य्मं..को चस्पा कराएं। जीवन में कितनी भी अटकलें आ रहीं हों, सभी दुख दूर हो जाएंगे।

पांडाल से दोगुना भीड़ बाहर बैठी दिखाई दी..

फिरोजाबाद। पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन ही भीड़ इतनी अधिक आ गई कि पांडाल छोटा पड़ गया। हालात यह थे जिसे जहां जगह मिली वह वहीं कथा सुनने को बैठ गया। कोई एंबुलेंस की छांव तो कोई वाहनों की छांव में बैठा दिखाई दिया। रोड के किनारे के साथ जहां तक माइक की आवाज जा रही थी वहीं पर लोग कथा का श्रवण कर रहे थे। वहीं कुछ लोग धूप से बचने के लिए छाता लगाकर शिवमहापुराण कथा का आनंद लेते दिखाई दिए।

पं. प्रदीप मिश्रा की एक झलक पाने को दिखे शिवभक्त लालायित, पुलिस ने बलपूर्वक हटाया

फिरोजाबाद। पं. प्रदीप मिश्रा की एक झलक पाने को शिवभक्त लालायित दिखाई दिए। पंडाल में जगह न होने के कारण शिवभक्त उनके दर्शन नहीं कर सके। जिसके कारण भक्तगण पं. प्रदीप मिश्रा के दर्शन हेतु वीवीआईपी गैलरी के गेट के पास खड़े होकर अंदर जाने का प्रयास करने लगे, तो पुलिस ने उन्हें, वहाॅ से बलपूर्वक हटा दिया। इस दौरान महिलाओं की पुलिस से हाॅक-टाॅक भी हुई। उन्होंने कहा कि हम काफी दूर से यहाॅ आएं, लेकिन हमे उनके दर्शन नहीं करने दिए जा रहे है। लेकिन भक्तगण पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे थे।

कथा के दौरान इनके पत्रों को पढ़ा और मंच पर दिया आशीर्वाद

शिवमहापुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगरा निवासी ब्रजसुंदरी यादव ने पत्र भेजा कि उनका बेटा सचिन कुमार यादव की नौकरी में असफल हो गया था। बाबा की कृपा से बेटा लेफ्टिनेंट बन गया है। शिकोहाबाद के आरौंज निवासी भावना कुशवाह ने पत्र भेजा कि शादी होने के पांच वर्ष तक कोई संतान नहीं हुई। काफी उपचार कराया तो संतान नहीं होने की बात कह दी। आखिर बाबा की शरण में जाने से संतान हुई।

भावना बेटा गोद में लेकर व्यास गद्दी तक पहुंची तो पंडित प्रदीप मिश्रा ने गोद में लेकर दुलार किया। पत्र में भावना ने लिखा था कि..लुटा दिया भंडार काशी वाले नें., भर दिया घर-बार काशी वाल ने..। लखनपुर शिकोहाबाद की शिवानी ने लिखा पति प्राइवेट नौकरी कर रहे थे। नौकरी छूट गई। कई पेपर दिए चयन नहीं हुआ। आखिर बेलपत्र लेने सीहोर गई तो पति ने 2017 में शिक्षक का टेस्ट दिया था उसका परिणाम जनवरी 2024 में आ गया, आज मेरे पति शिक्षक है।

 

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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