फिरोजाबाद: प्राइवेट ट्रामा में हो रहा आयुष्मान कार्ड धारक से ड्रामा

-आयुष्मान कार्ड नहीं है, जबरदस्ती लिखवा रहा प्राइवेट ट्रामा सेंटर
फिरोजाबाद। शहर में सेवार्थ का चोला ओड़कर संचालित प्राइवेट ट्रामा सेंटर जो कि उद्योगपतियों एवं समाजसेवियों के चंदे से जनपद के आमजन के इलाज हेतु किफायती रेटों पर बीमारियों का इलाज करने के प्रचार-प्रसार से प्रारम्भ हुआ था। लेकिन अब वहीं सेवार्थ का प्राइवेट ट्रामा सेंटर मरीजो से उगाई का केंद्र बनकर रह गया है। भारत सरकार द्वारा गरीबो के इलाज हेतु आयुष्मान भारत की चलाई गई योजना पर प्राइवेट ट्रामा सेंटर के ट्रस्टी पलीता लगाने का कार्य कर रहे है। आयुष्मान कार्ड धारको का इलाज कार्ड से नहीं नगद भुगतान से कराने को मजबूर किया जा रहा है। किफायती दामों पर इलाज तो दूर की बात सेवार्थ का नाम देकर मरीजों को दुत्कार जा रहा है। प्राइवेट ट्रामा सेंटर इन दिनों मरीज की सेवा के लिए नहीं बल्कि चाॅदी की चका चैंध में संचालित है।
आयुष्मान कार्ड से जुड़ा ऐसा ही एक मामला चर्चा में बना हुआ है। आपको बता दें कि बीती दो मार्च को गांधी नगर निवासी मरीज विशना देवी को इलाज हेतु नगर के प्राइवेट ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था और अपना इलाज आयुष्मान कार्ड से कराने की कहा गया था, तो मरीज के तीमारदार से जबरन हाॅस्पीटल के लेटर पैंड पर मरीज के पास आयुष्मान कार्ड न होने की बात को लिखवा लिया गया। जबकि मरीजा का तीमारदार अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाता रहा कि उनके मरीज का आयुष्मान कार्ड है। लेकिन अस्पताल प्रशासन नगद भुगतान पर जोर देता रहा। जब इलाज पूर्ण भुगतान तीमारदार नहीं कर सके तो हाॅस्पीटल के कर्मचारियों द्वारा मरीज का 24 घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद समुचित इलाज नहीं किया गया। मरीज को जान का खतरा देखते हुए तीमारदार अपने मरीज को आगरा ले गये। संबंधित उक्त मामले की शिकायत मुख्य चिकित्साधिकारी को लिखित में दे दी गई। लेकिन दो सप्ताह बाद भी उक्त मामले में कोई कार्यवाही होती नहीं पड़ी। अब देखना बाकी होगा कि मुख्य चिकित्साधिकारी को सरकार की योजनाओं पर पलीता लगाने वाले प्राइवेट हाॅस्पीटल पर कार्यवाही अमल में लायेंगे या नहीं ?
वर्जन-
शिकायत पत्र का संज्ञान लेते हुए पीड़ित के ब्यान के आधार पर उक्त मामले में कड़ी कार्यवाही की जायेगी। कोई भी हाॅस्पीटल आयुष्मान कार्ड नकार नहीं सकता।
-हंसराज सिंह नोडल अधिकारी