शिकोहाबाद: संगोष्ठी में विज्ञान में हिंदी तकनीकी शब्दावली की उपयोगिता पर जोर

-पालीवाल महाविद्यालय में दो दिवसीय संगोष्ठी में कई छात्रों ने किया प्रतिभाग
शिकोहाबाद। पालीवाल महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में तकनीकी शब्दावली विषय पर एक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग शिक्षा मंत्रालय उच्चतर शिक्षा विभाग भारत सरकार नई दिल्ली एवं पालीवाल महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान किया गया। जिसमें देश के कई राज्यों से व प्रदेश के कई महानगरों से विद्वानों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शोध छात्र भी शामिल हुए।
संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ दिलीप कुमार’ कुलाधिपति एफएस विश्वविद्यालय कार्यक्रम अधिकारी इंजीनियर शिवकुमार चैधरी सहायक निदेशक वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, डॉ महेश यादव प्रधान वैज्ञानिक पूसा नई दिल्ली, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो प्रवीण कुमार एवं समन्वयक डॉ प्रेम प्रभाकर’ द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद श्रेया व सृष्टि ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद अतिथियों का परिचय ’डॉ टीएच नकवी’ द्वारा कराया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य ने सभी का स्वागत धन्यवाद किया गया।
सभी अतिथियों का महाविद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकों डॉ विशाल पाठक, डॉ एमपी सिंह, पीके पालीवाल, राजीव अग्रवाल, डॉ आरसी दुबे, डॉ एके चैधरी, डॉ सुशील कुमार, डॉ आरबी पाण्डेय, शालू अग्रवाल, डॉ टीएच नकवी, पुष्कर सिंह, सुनील कुमार पटेल, वीरेन्द्र सिंह, डॉ अनुराग पालीवाल, भुवनेश कुमार, लवली वर्मा आदि ने माल्यार्पण, अंगवस्त्र उड़ाकर स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। दो दिवसीय संगोष्ठी का संक्षिप्त सारांश इंजीनियर शिवकुमार चैधरी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि पालीवाल महाविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का एक अग्रणी महाविद्यालय है। जिसमें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों का आयोजन होता रहता है।
टेक्निकल सेशन में मुख्य वक्ता डॉ सतीश चंद्र ने विज्ञान में हिंदी तकनीकी शब्दावली की उपयोगिता पर व्याख्यान दिया। डॉ महेश यादव फसलों की नई उन्नतशील एवं अधिक पैदावार देने वाली प्रजातियों के विकास में आनुवांशिकी की भूमिका’ पर व्याख्यान दिया। द्वितीय सत्र में ’प्रो लव केसरवानी ने नई शिक्षा नीति के सन्दर्भ में फोरेंसिक साइंस’ का महत्व विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि वर्तमान में फोरेंसिक साइंस अपराध नियंत्रण करने के साथ नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। वहीं ’डॉ महेश चंद्र ने रसायन विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विषय’ पर व्याख्यान देते हुए बताया कि वर्तमान युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित है परन्तु इसके लाभ के साथ नुकसान भी बहुत हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ प्रो वीके सिंह प्राचार्य एनडी कॉलेज, प्रो गीता यादवेंदु प्राचार्या बीडीएम डिग्री कॉलेज, एवं आरबीएस कॉलेज आगरा, चित्र गुप्त कॉलेज मैनपुरी, बीएसए कॉलेज मथुरा, डॉ बी आर विश्वविद्यालयए आगरा के खंदारी कैंपस से प्रोफेसर्स एवं शोध छात्र छात्राएं’ उपस्थित रहे।