फिरोजाबाद: श्रीकृष्ण-रूक्कमणी विवाह की कथा सुन श्रद्वालुगण हुए आनंदित

फिरोजाबाद। कृष्णा पाड़ा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर के चैक में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य कृष्णकांत वशिष्ठ ने रूक्कमणी-कृष्णा विवाह का मनमोहक वर्णन किया गया।

उन्होंने कहा कि रूक्कमणी मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मान लेती है। लेकिन उनका भाई रूक्कमणी का विवाह अपने मित्र शिशुपाल से करना चाहता है। रूक्कमणी यह बता अपने गुरू को बताती है। गुरू उनका संदेश लेकर द्वारिका के लिए प्रस्थान कर जाते है। गुरू श्रीकृष्ण को सारी बात से अवगत कराते और कहते है कि रूक्कमणी आपको अपना पति मान चुकी है। अगर आपके साथ उनका विवाह नहीं हुआ, तो वह अपने प्राण दें देगी।

श्रीकृष्ण तुरंत ही रूक्कमणी को लेने के लिए रवाना हो जाते है। रूक्कमणी गौरी पूजन को गौरी माता के मंदिर जाती है। वहीं से श्रीकृष्ण रूक्क्मणी को रथ में बिठाकर ले आते है और द्वारिका में उनका विवाह होता है। कथा पंडाल में रूक्कमणी-श्रीकृष्ण विवाह की मनमोहक झांकी सजाई गई।

इस दौरान धर्मेन्द्र जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गौरव, प्रदीप गुप्ता, राजेश दुबे, रमाकांत उपाध्याय, अतुल यादव, हरिओम वर्मा, पार्षद प्रमोद राजोरिया, अमर वर्मा, कृष्ण मोहन, रामकुमार गुप्ता, ललित राजोरिया, सचिन अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, विक्रम सिंह, बॉबी वर्मा, विकास शर्मा आदि उपस्थित रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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