फिरोजाबाद: विरात कुश्ती दंगल का हुआ शुभारम्भ, पहलवानों दिखाएं दांव-पेंच

फिरोजाबाद। तदर्थ प्रसाशनिक सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के तत्वावधान में रामलीला मैदान में विराट कुश्ती दंगल का आयोजन किया। जिसमें पहलवानों ने अपने-अपने दांव पेंच का प्रदर्शन किया।

दंगल का शुभारम्भ मुख्य अतिथि रविन्द्र शर्मा रानू ने फीता काटकर एवं बाल पहलवानों का हाथ मिलाकर किया। दंगल संयोजक संदीप शर्मा (बॉबी) व सह संयोजक राहुल गुप्ता पालू ने शहर के सभी पूर्व पहलवानों व उस्ताद खलीफाओं का स्वागत किया। दंगल में फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, हाथरस, इटावा, अलीगढ़ आदि जनपद के पहलवानों ने अपनी मल्ल विधा का प्रदर्शन किया।

जिसमें जिला छात्र चैंपियन की कुश्ती 2100 रुपये की नीरज और आशीष के मध्य में हुई। जिसमें नीरज यादव विजयी हुए। जिला चैंपियन की कुश्ती स्व. प. हर्ष तिवारी की स्मृति में उनके पुत्र प्रशांत तिवारी लल्लू व पप्पी तिवारी द्वारा 3100 रुपये की कुश्ती रवि टापा खुर्द व पालवेन्द्र रामनगर के मध्य हुई। 3100 रुपये की कुश्ती स्व शिवकुमार गुप्ता की स्मृति में अमित गुप्ता रक्तवीर द्वारा कराई गई।

21000 रुपये की कुश्ती मनोज पहलवान कपावली व अंकुर पहलवान मथुरा के मध्य हुई। जिसमें मनोज कपावली विजयी हुऐ। दंगल की आखिरी कुश्ती 31000 रुपये शेरा पहलवान उत्तर प्रदेश केसरी व विशाल पहलवान गुरु हनुमान अखाड़ा दिल्ली की मध्य हुई। जो कि बराबर पर छूटी।

इस दौरान दंगल संयोजक बॉबी पहलवान, सह संयोजक राहुल गुप्ता पालू, प्रबंध समिति सदस्य पीके पाराशर, रामबारात संयोजक अमित गुप्ता, नीतेश अग्रवाल जैन, विजय कुशवाहा, अनूप झा, हरिओम वर्मा पार्षद, लकी गर्ग, सुरेश सारस्वत, भूरी सिंह बघेल, संजीव उपाध्याय, वीनेश शर्मा, परमहंस तेनगुरिया, रोहित शर्मा, रक्षपाल सिंह, पप्पू पहलवान, प्रशांत तिवारी लल्लू, केशव पचैरी, सतीश प्रजापति, प्रमोद राजौरिया, गुड्डा पहलवान, रामनरेश कटारा आदि मौजूद रहे। दंगल का संचालन सत्यवीर गुप्ता ने किया एवं रैफरी की भूमिका निर्वाह किलोली पहलवान एवं हाजी अफसर ने किया।

Ravi
Ravi

रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

Articles: 2476