शिकोहाबाद: मां बाप से बड़ा कोई मंदिर नहीं होता

शिकोहाबाद। राजीव रसधर के नेतृत्व में मैनपुरी रोड स्थित लकी मैरिज होम में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें कई प्रदेशों के कवियों ने प्रतिभाग किया और अपनी रचनाओं को पढ़ कर लोगों को खूब हंसाया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता व्यग्यंकार कवि अरविंद तिवारी ने की। मुख्य अतिथि ब्लूमिंग बड्स स्कूल के प्रबंधक डॉ. राज पचैरी रहे। कवि सम्मेलन का उदघाटन मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण और दीप प्रज्जवलन कर किया। कवि सम्मेलन में दिल्ली से आई कवियित्री डॉ. ज्योतिमा शुक्ला ने पढ़ा-तू जो एक बार अपना कह दे तो, सबसे मुंह मोड़कर चली आऊं। भरतपुर के वीर रस के कवि अभिषेक अमर ने शहीदों पर कविता पढ़ी तो सबकी आखें भरआईं।
टूंडला के सुबोध सुलभ ने पढ़ा-हो रहा है काव्य का हवन ये मान लो, शब्द, शब्द आहुति हैं शांति का दान दो। आगरा के गीतकार डॉ. राजकुमार रंजन ने गीत पढ़ा-तुम अइयों मेरे गांव पड़ी चरपैया बोलेगी। राजीव रसधर ने पढ़ा-थामी कलम तो मुझसे शारदे ने कह दिया, मां बाप से बड़ा कोी मंदिर नहीं होता। कवि सम्मेलन में मनोज मनमौजी, दिल्ली से और अशोक धाकरे, जयकुमार जय राजस्थान, अशोक मथुरिया लोकगीतकार, रजिया बेगम धौलपुर से, कवियों ने काव्य पाठ किया। इस कवि सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि सुमनलता पचैरी व कांती यादव भी रहीं। संचालन राजीव रसधर ने किया।