फिरोजाबाद: मिथ्यार्थ ओर कषाय रूपी तस्करों से अपने जीवन को सुरक्षित करना है-वसुनंदी महाराज

फिरोजाबाद। आचार्य वसुनंदी महामुनिराज ससंघ का आदिनाथ जिनालय लॉकडाउन टैंपल, इंद्रा कॉलोनी में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। जहां आचार्य श्री ने विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर धर्मलाभ लिया।

बुधवार की शाम को आचार्य श्री ससंघ का छदामीलाल जैन मंदिर से श्री आदिनाथ जिनालय लॉकडाउन टैंपल इंद्रा कॉलोनी में बैंड बाजों तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। गुरुवार को प्रातः श्री आचार्य श्री के पावन सानिध्य में आदिनाथ जिनालय में अनेकों श्रद्धालुओ ने नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन किया।

तत्पश्चात रामा पब्लिक स्कूल में त्रिदिवसीय आनंद उत्सव महोत्सव का शुभारंभ खुशी जैन द्वारा मंगलाचरण के साथ हुआ। श्रीजी के चित्र का अनावरण स्कूल प्रबंधक सचिन शर्मा ने किया। वही दीप प्रज्ज्वलित विनोद जैन तथा चक्रेश जैन ने किया। सुनील जैन तथा प्रणब जैन ने आचार्य श्री को शास्त्र भेंट किए और आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन सुशील जैन तथा महेंद्र जैन गुल्ली ने किया। मंच संचालन अपूर्व जैन ने किया।

अंत में आचार्य श्री धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मिथ्यार्थ और कषाय हमारे जीवन को रोकने वाले, हमारे ज्ञान को, हमारे धर्म को, हमारी श्रद्धा को, संयम, चरित्र और व्रतों को रोकने वाले तस्कर है जो अनादि काल से हमारे पीछे लगे है। उन तस्करो से हमें बचना है उनसे बच गए तो हमारा जीवन सुरक्षित हो जाएगा और यदि नहीं बच पाए तो जीवन में कितने भी पुण्य कर ले सब व्यर्थ है।

धर्मसभा में सैकड़ों भक्तो के साथ शोभित जैन, राखी जैन, सोनू जैन, राहुल जैन इशोली, मनीष जैन, पंकज जैन गजक, राजीव जैन रत्नाकर आदि लोग शामिल रहे। मीडिया प्रभारी अजय जैन बजाज एवं राज जैन ने बताया कि दोपहर की धर्मसभा में आचार्य श्री द्वारा समय सार की वाचना की गई तथा शाम को आचार्य श्री ससंघ की महाआरती हुई।

 

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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