फिरोजाबाद: जब आप स्वंय नशा से मुक्त होंगे तभी दूसरे को नशा मुक्ति से कर सकेंगे प्रेरित-महापौर

फिरोजाबाद। महिला कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं उ.प्र. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में एक युद्व नशे के विरूद्व कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूता एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डाॅ देवेन्द्र शर्मा अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) उ.प्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कार्यकम में चाइल्डफण्ड इंडिया दिशा प्रोजेक्ट की बालिकाओं द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशा मुक्ति का संदेश दिया। वहीं सीडीओ ने बताया कि जनपद में 90 प्रतिशत शराब की दुकानों, 250 मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे की स्थापना की गई। तथा 110 शराब की दुकानों को शैक्षणिक संस्थानों से 100 गज के दायरे से हटाया गया है।

महापौर कामिनी राठौर ने कहा जब आप स्वंय नशा से मुक्त होंगे तभी दूसरे को नशा मुक्ति हेतु प्रेरित कर सकोंगे। नगर विधायक मनीष असीजा ने कहा कि इस प्रकार की गोष्ठी प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों और काॅलेजों में आयोजित कराई जानी चाहिए। जिससे कि नशे की तरफ बढ़े बच्चों को जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से रोका जा सके। डाॅ देवेन्द शर्मा ने बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए प्रबुद्व वर्ग से जागरूक करने को कहा। जिला प्रोबेशन अधिकारी मिथलेश कुमार ने अतिथियों एवं प्रबुद्व वर्ग का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में विकल्प उप जिलाधिकारी सदर, उपदेश कुमाा डिप्टी रीजनल आफीसर मद्यनिषेध आगरा, निशा आस्थाना डीआईओएस, आशीष पाण्डेय बीएसए, कमलेश कुमार सीओ सिटी, देशबंधु विमल औषधि निरीक्षक, कृष्ण मोहन सिंह जिला समाज कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, धर्मेन्द्र कुलश्रेष्ठ प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकरी, रेखा कोआॅडिनेटर चाइल्ड फण्ड इंडिया दिशा प्रोजेक्ट आदि मौजूद रहे।

Ravi
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रवि एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और गहन विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में जीवन के विविध पहलुओं का गहन विश्लेषण और सरल भाषा में जटिल भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। रवि के लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करना है। वे विभिन्न विधाओं में लिखते हैं,। रवि की लेखनी में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक मुद्दे और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय समावेश होता है।

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