Kargil Vijay Diwas 2024 | आखिर हम क्यों मनाते है हर साल

Kargil Vijay Diwas 2024 | आखिर हम क्यों मनाते है हर साल कारगिल विजय दिवस

। कारगिल विजय दिवस उन भारतीय सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

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1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भी सैन्य संघर्ष जारी रहा। इतिहास के अनुसार, दोनों देशों के परमाणु परीक्षणों के कारण तनाव और बढ़ गया था। इस स्थिति को शांत करने के लिए फरवरी 1999 में दोनों देशों ने लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कश्मीर मुद्दे को शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से हल करने का वादा किया गया था। लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजना शुरू कर दिया, जिसे “ऑपरेशन बद्र” नाम दिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान का मानना था कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का तनाव कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने में सहायक होगा।

शुरुआत में इसे घुसपैठ समझा गया और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा, लेकिन नियंत्रण रेखा पर खोज के बाद इन घुसपैठियों की नियोजित रणनीति का पता चला। भारतीय सेना को एहसास हुआ कि यह हमला बड़े पैमाने पर योजना बनाकर किया गया था। इसके बाद भारत सरकार ने “ऑपरेशन विजय” के तहत 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र में भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 भारतीय सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और लगभग 1400 सैनिक घायल हुए थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे लद्दाख के द्रास का दौरा

PM Modi to visit Kargil
PM Modi to visit Kargil

25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी लद्दाख के द्रास में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके पश्चात, मोदी जी द्रास में स्थित कारगिल वार म्यूजियम और वॉल ऑफ फेम का भी दौरा करेंगे। इसके अलावा, वे वीर नारियों से भी मुलाकात करेंगे।

अगर आप कारगिल विजय दिवस पर भाषण देना चाहते है तो ये दीजिये जिसे सुनकर सभी देश भक्त गद गद हो जायेंगे

प्रिय देशवासियों,

आज हम 25वें कारगिल विजय दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, जब हमने अपने वीर जवानों के अद्वितीय साहस और बलिदान को नमन करते हैं। 1999 में हुए कारगिल युद्ध में हमारे सैनिकों ने जिस बहादुरी और समर्पण का परिचय दिया, वह इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हमारे जवान हर कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने दुर्गम पहाड़ियों और विपरीत परिस्थितियों में अदम्य साहस का प्रदर्शन किया और हमारे तिरंगे की शान को बरकरार रखा। उनकी वीरता और बलिदान हमें प्रेरित करते हैं कि हम भी अपने कर्तव्यों का निर्वाह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें।

आज हम उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी ताकि हम सुरक्षित और स्वतंत्र रह सकें। उनके परिवारों का भी धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने अपने सपूतों को देश सेवा के लिए समर्पित किया।

हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ न जाने दें। हमें एकजुट होकर देश की प्रगति और सुरक्षा के लिए कार्य करना होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को और मजबूत और समृद्ध बनाएं।

इस अवसर पर, मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूँ कि हम अपने सैनिकों के साहस और बलिदान को सदा स्मरण रखें और उनके प्रति अपना सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करें।

जय हिंद!


Some Question Answer On Kargil Vijay Diwas 2024

प्रश्न 1: कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है?

उत्तर: कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिवस 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारत की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन को भारतीय सैनिकों की बहादुरी और शहादत के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

प्रश्न 2: कारगिल युद्ध कब और क्यों हुआ था?

उत्तर: कारगिल युद्ध 1999 में हुआ था। यह युद्ध पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ के कारण शुरू हुआ था। पाकिस्तान के सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों ने नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया था, जिसका उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था।

प्रश्न 3: कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने कौन सा ऑपरेशन शुरू किया था?

उत्तर: कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने “ऑपरेशन विजय” शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत 2,00,000 भारतीय सैनिकों को कारगिल क्षेत्र में भेजा गया था। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य कारगिल क्षेत्र से पाकिस्तान के घुसपैठियों को निकालना और भारतीय क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।

प्रश्न 4: कारगिल युद्ध के दौरान कितने भारतीय सैनिक शहीद हुए थे?

उत्तर: कारगिल युद्ध के दौरान 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और लगभग 1400 सैनिक घायल हुए थे। इन सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के लिए ही कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न 5: कारगिल विजय दिवस का क्या उद्देश्य है?

उत्तर: कारगिल विजय दिवस का मुख्य उद्देश्य उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है जिन्होंने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह दिवस हमें उनके साहस, त्याग और देशभक्ति की याद दिलाता है और हमें यह प्रेरणा देता है कि हम अपने देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमेशा तैयार रहें।

गौरव झा
गौरव झा

गौरव झा एक समर्पित और अनुभवी पत्रकार हैं, जो विभिन्न विषयों पर गहन और सूचनाप्रद लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी पत्रकारिता यात्रा में कई प्रमुख समाचार संस्थानों के साथ काम किया है और अपने निष्पक्ष और तथ्यपूर्ण रिपोर्टिंग के लिए प्रशंसा प्राप्त की है। राजनीति, सामाजिक मुद्दों और तकनीकी समाचारों में उनकी विशेष रुचि और विशेषज्ञता है। गौरव झा का उद्देश्य सदैव सच्चाई और निष्पक्षता के साथ पाठकों को सूचित करना है। पत्रकारिता के प्रति उनकी निष्ठा और जुनून उन्हें एक सम्मानित और विश्वसनीय पत्रकार बनाता है।

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