पाकिस्तानी का हमला विफल, भारत ने लाहौर को बनाया निशाना

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव ने एक बार फिर क्षेत्र में शांति को चुनौती दी है। 7-8 मई 2025 की रात, पाकिस्तान ने भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की। लेकिन भारतीय वायुसेना की वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से S-400 “सुदर्शन” मिसाइल सिस्टम, ने इन हमलों को नाकाम कर दिया।
पाकिस्तान ने पूरी कोशिश की फिर भी रहा नाकाम
पाकिस्तान ने अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे संवेदनशील भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता और तकनीकी श्रेष्ठता के कारण सभी हमले असफल रहे।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों के मलबे देश के अलग-अलग हिस्सों से बरामद किए जा रहे हैं, जो इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि पाकिस्तान ने सुनियोजित हमला करने की कोशिश की थी।
भारत ने पलट कर दिया करारा जवाब
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस उकसावेपूर्ण कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देते हुए लाहौर में स्थित पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को ड्रोन हमले के जरिए नष्ट कर दिया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के HQ-9 मिसाइल लॉन्चर को भारी नुकसान पहुंचा है।
यह कार्रवाई भारत की ओर से स्पष्ट संकेत है कि किसी भी प्रकार की आक्रामकता को सहन नहीं किया जाएगा और उसका माकूल जवाब दिया जाएगा।
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नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी बढ़ती जा रही है
सिर्फ हवाई हमला ही नहीं, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी गोलीबारी तेज कर दी है। कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी तोपों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस निर्दयी हमले में अब तक 16 निर्दोष नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। यह पाकिस्तान की एक और नैतिक हार को दर्शाता है, जहां वह न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध भी कर रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच का तनावपूर्ण रिश्ता कोई नया नहीं है, लेकिन 7-8 मई 2025 की रात की घटना ने दोनों देशों को युद्ध जैसे हालात की ओर धकेल दिया। पाकिस्तान की साजिश को भारत ने ना केवल नाकाम किया, बल्कि अपनी साहसी और सटीक रणनीति से पाकिस्तान को कड़ा सबक भी सिखाया।
पाकिस्तान की रणनीति: विफलता की मिसाल
पाकिस्तान का लक्ष्य था भारत के 15 महत्वपूर्ण वायुसेना और थलसेना ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाना। इनमें शामिल थे:
अवंतीपुरा
श्रीनगर
जम्मू
पठानकोट
अमृतसर
कपूरथला
जालंधर
लुधियाना
आदमपुर
भटिंडा
चंडीगढ़
नल
फलोदी
उत्तरलाई
भुज
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को जिस तरह से रोक दिया, वह दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया। खासतौर पर भारत का S-400 सुदर्शन मिसाइल सिस्टम इस पूरे ऑपरेशन का हीरो साबित हुआ।
लाहौर में तबाही: भारत की जवाबी कार्रवाई
जब भारत को यकीन हो गया कि यह हमला सिर्फ सीमित नहीं बल्कि सुनियोजित है, तब भारतीय सेना ने ड्रोन हमले के ज़रिए लाहौर स्थित HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।
इस हमले ने पाकिस्तान को यह दिखा दिया कि अब भारत रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति अपनाने के लिए तैयार है।
एलओसी पर दहशत: आम नागरिकों पर हमला
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलीबारी और मोर्टार शेलिंग करके आम नागरिकों को भी निशाना बनाया।
कुपवाड़ा
बारामूला
उरी
पुंछ
मेंढर
राजौरी
इन क्षेत्रों में पाकिस्तानी फायरिंग से अब तक 16 नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। यह न केवल युद्ध अपराध है, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध भी है।
पाकिस्तान की आंतरिक विफलताएं
पाकिस्तान इस समय आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजर रहा है।
महंगाई चरम पर है
विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली
IMF की शर्तों के तहत चल रही सरकार
इन सबके बीच, भारत पर हमला करना ध्यान भटकाने की एक विफल कोशिश मात्र थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सब देश भारत के साथ खड़ा हुआ है
भारत को इस पूरे घटनाक्रम में अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी मिला।
अमेरिका ने पाकिस्तान से उकसावे से बचने की अपील की
रूस ने भारत की सैन्य क्षमताओं की सराहना की
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने को कहा
लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि अगर फिर कोई हमला हुआ, तो जवाब और भी प्रचंड और व्यापक होगा।