फिरोजाबाद: भारतीय हलधर किसान यूनियन ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन

-किसान आयोग का गठन करने की मांग
फिरोजाबाद। भारतीय हलधर किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को एडीएम को सरकार के नाम ज्ञापन देकर 15 सूत्रीय मांगों को पूरा कराए जाने की मांग की है। किसान नेताओं का कहना है कि कृषि को उद्योग का दर्जा मिले। वहीं, किसान आयोग का गठन हो। मांग के लिए किसान जिस दिन सड़क पर उतर आएगा, उस दिन सरकार को झुकना पड़ेगा।
वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता विमल यादव ने कहा कि किसान आयोग का गठन हो और जो आयोग बनाया जाए, उसमे 100 प्रतिशत किसानों का ही समावेश हो। आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। उत्तर प्रदेश में किसानों के नलकूपों के बिल माफ हैं, फिर भी मीटर लगाए जा रहे हैं। इसे बंद किया जाए। नए बजट में भारत सरकार ने केसीसी को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया है। किसानों का पूर्ण कर्ज माफ हो।
किसानों की कृषि उपयोग में जो भी संयंत्र आते हैं उन सभी पर से जीएसटी हटाई जाए। आलू कोल्ड स्टोर ने किराया में 20 रुपए की वृद्धि की है वह वापस होनी चाहिए। आलू किसानों की दुर्दशा है। सबसे पहले आलू को बागवानी से निकालकर कृषि फसल माना जाए तथा उसके प्रसंस्करण यूनिट लगाई जाएं, बौर भंडारण की समुचित व्यवस्था की जाए। किसानों के लिए मृदा परीक्षण हेतु विकासखंड बार प्रयोगशालाओं का निर्माण करना चाहिए तथा मृदा परीक्षण के लिए किसानों की शिविर लगाकर जागरूक करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण द्वारा 2031 के मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट का प्रावधान किया है, जिसमें किसानों की भूमि को बिना स्वीकृति के समायोजित किया गया है। प्रतिवर्ष किसानों को डीएपी की आपूर्ति समय से नहीं हो पाती है। जिसमें किसान दर-दर की ठोकरें खाता है और असमय ही अपनी फसल की बुवाई कर पाता है। इसलिए डीएपी की आपूर्ति समय में होनी चाहिए और उसे पर कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। गोशालाओं की कमियों को दूर किया जाए। मंडी समिति में किसानों के रुकने की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही विभिन्न मांगों को पूरा कराए जाने की मांग की गई। जिलाध्यक्ष रिषभ यादव सहित अन्य किसान नेता उपस्थित रहे।